ऐसी थी नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव की एक ‘प्रेमकथा’

ऐसी थी नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव की एक 'प्रेमकथा'

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार सुबह
गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने 82 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।
उनके निधन से उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक अध्याय समाप्त हो गया। बता दें कि वे एक खांटी
नेता माने जाते थे। उन्होंने सपा को फर्श से अर्श तक पहुंचाने का काम किया था। उनकी लंबी
सियासी यात्रा रही। पहलवानी से लेकर राजनीति तक उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
मुलायम सिंह यादव अपने और साधना के रिश्ते को लेकर भी खासे चर्चा में रहे थे। आइए जानते हैं
उनके इस रिश्ते के बारे में।
प्‍यार की कहानियां लंबे वक्‍त तक या तो मजा देती हैं या दर्द। कुछ ऐसा ही इन दिनों अखि‍लेश
यादव के साथ हो रहा है। उनके पिता मुलायल सिंह यादव की ‘अतीत की एक प्रेम कहानी’ किसी
समय में भाजपा के लिए मजा बन गई थी तो उनके बेटे अखि‍लेश के लिए सजा हो गई थी।

ऐसी थी रिश्ते की कहानी : दरअसल, मुलायम सिंह यादव उस वक्‍त 43 साल के थे और उनकी
शादी हो चुकी थी। उनके बेटे यानी अखि‍लेश यादव की उम्र उस वक्‍त करीब 10 साल रही होगी।
मुलायम सिंह का नाम राजनीति में चमकना शुरू हुआ था। ठीक इसी दौरान उन्‍हें प्‍यार हो गया।
पत्‍नी और बच्‍चा होने के बावजूद। जिस लड़की से उन्‍हें प्‍यार हुआ था, उसना नाम है साधना
गुप्‍ता। साधना उस दौर की खूबसूरत महिलाओं में से एक रहीं हैं।
साधना औरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की 23 साल की बेटी थी जो राजनीति में
आकर कुछ करने के लिए महत्‍वकांक्षी थी। वो अक्‍सर राजनीतिक आयोजनों में नजर आती थीं।
ठीक उसी वक्‍त मुलायम की नजरें उन पर पड़ी और उनके दिल में प्‍यार जाग उठा। मुलायम
उसके ख्‍यालों में रहने लगे। लेकिन एक किस्‍सा ऐसा है जिसके घटने से मुलायम सिंह साधना से
भयंकर इंप्रेस हो गए।
कहा जाता है कि मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी।
साधना वहां मौजूद थीं और उन्होंने नर्स को उन्‍हें गलत इंजेक्‍शन लगाने से पहले देख लिया और
रोक लिया। साधना की इस सजगता की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी। मुलायम इसी
बात से इम्प्रेस हुए और दोनों की प्‍यार की कहानी शुरू हो गई। तब मुलायम के बेटे अखिलेश यादव
स्कूल में थे।
मीडि‍या रिपोर्ट के मुताबिक अखि‍लेश अपनी दूसरी मां को पसंद नहीं करते थे। शायद इसीलिए
मुलायम ने उन्‍हें पढ़ाई के लिए यूपी से बाहर भेज दिया। यह उन दिनों की बात है जब समाजवादी
पार्टी नहीं थी। राष्ट्रीय लोकदल था और अमर सिंह भी इस दल का हिस्‍सा थे।
यह भी कहा जाता है कि अमर सिंह इस प्रेम कहानी के गवाह रहे हैं, उन्‍हें मुलायम सिंह के इस पूरे
लव एंगल के बारे में पता था, लेकिन उन्‍होंने मुलायम सिंह की पत्‍नी मालती देवी और अखि‍लेश
से यह बात छुपाए रखी। हालांकि अब अमर सिंह भी दुनिया में नहीं हैं।
लेकिन जब 1988 में और 1989 में मुलायम यूपी के सीएम बने तो वे मानते थे कि जब से साधन
उनकी जिंदगी में आई तबसे वे राजनीतिक ऊंचाइयां छूने लगे। बता दें कि 2007 में मुलायम ने
अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ-पत्र दिया।
जिसमें उन्‍होंने लिखा था– मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा
है।
बाद में उसी प्रतीक गुप्‍ता की पत्‍नी अपर्णा यादव हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं हैं। यानी
साधना गुप्‍ता और मुलायम के दूसरे बेटे प्रतीक गुप्‍ता की पत्‍नी अपर्णा। यानी मुलायम सिंह की
छोटी बहू। 19 जनवरी को जब उसी साधना की बहू अपर्णा यादव ने भाजपा का भगवा झंडा थामा तो

लोगों ने अखिलेश से कई सवाल पूछ डाले और सवालों की बौछार कर डाली, लेकिन अखिलेश इतना
ही कह सके, उन्हें शुभकामनाएं।
अब मुलायम सिंह के चले जाने से उनके राजनीतिक सफर से लेकर उनके रिश्तों की कहानियां भी
खत्म हो गई है। हालांकि जब जब राजनीति का जिक्र होगा, उनकी इन कहानियों के साथ उनके
राजनीतिक दाव पैंच का भी जिक्र किया जाएगा।

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