हमलों में नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए नया केंद्र स्थापित करेगा अमेरिका

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विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )

वाशिंगटन, 26 अगस्त पेंटागन अगले साल एक नया केंद्र स्थापित करेगा, जिसका उद्देश्य बेहतर
प्रशिक्षण और अधिक निगरानी के माध्यम से दुनिया के विभिन्न देशों में सैन्य अभियानों के दौरान हमले शुरू होने
से पहले नागरिकों को हताहत होने से बचाना है।
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के निर्देश पर बृहस्पतिवार को जारी की गई योजना पिछले अगस्त में काबुल में अमेरिकी
हवाई हमले को लेकर हुई व्यापक आलोचना के बाद सामने आई है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के
अंतिम चरण में हुए इस हमले में 10 नागरिक मारे गए थे।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि नए नागरिक सुरक्षा केंद्र के विकास और
अन्य सुधारों पर प्रति वर्ष ‘कई करोड़ डॉलर’ खर्च किए जाएंगे तथा इस योजना में लगभग 150 कर्मचारी शामिल
होंगे। केंद्र एक अक्टूबर 2023 से शुरू होगा और 2025 तक पूरी तरह से काम करने लगेगा।
अफगानिस्तान ड्रोन हमले की मुख्य रूप से इसलिए आलोचना हुई थी, क्योंकि खुफिया सूचना के आधार पर अंतिम
निर्णय लेने वालों ने यह निष्कर्ष निकालने में बहुत जल्दबाजी की कि सफेद टोयोटा कोरोला में बम है, जो गलत
वाहन निकला।
इस योजना के तहत यूरोप, अफ्रीका, मध्य पूर्व, हिंद-प्रशांत, दक्षिण अमेरिका और कोलोराडो में अमेरिकी उत्तरी
कमान के साथ-साथ सभी सैन्य सेवाओं, अन्य वरिष्ठ कमांडों स्पेशल ऑपरेशंस कमांड, साइबर कमांड और रक्षा
खुफिया एजेंसी जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर कर्मियों को रखा जाएगा।

विशेष रूप से मानवाधिकार संगठनों ने लगातार आलोचना की है कि सीरिया, इराक और अन्य युद्ध क्षेत्रों में
अमेरिकी सैन्य हमलों में नागरिकों की मौत हुई है, लेकिन अधिकारी इन्हें स्वीकारने में विफल रहे हैं या इनके
खिलाफ कार्रवाई में धीमे रहे हैं।
कुछ मामलों में अमेरिकी सेना के हमले के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंचने में असमर्थ होने के कारण यह निष्कर्ष
निकाला गया कि नागरिकों की मौत के आरोपों की पुष्टि नहीं की जा सकती।

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