विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
कोटा/जयपुर, 23 अगस्त लगातार बारिश और नदियों में जलस्तर बढ़ने से राजस्थान के कोटा संभाग
में हालात बिगड़ गए हैं। कई जगह जलभराव के बाद लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। संभाग के
चार जिलों – कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी में स्कूल बंद हैं, जबकि बारां जिले में बचाव अभियान में मदद के
लिए भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर बुलाया गया है।
इस बीच, राज्य के इन हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी बारिश की
चेतावनी जारी की है। पिछले दो दिनों से जारी भारी से अति भारी बारिश के ताजा दौर से राज्य का कोटा संभाग
सबसे अधिक प्रभावित है। कोटा, झालावाड़, बारां और बूंदी जिले के कई इलाकों में लगातार भारी बारिश, बांधों से
पानी छोड़े जाने और नदियों में पानी की आवक के कारण जलस्तर बढ़ गया है। कोटा और झालावाड़ जिले तथा
बूंदी और बारां में कुछ इलाकों में कल बाढ़ जैसे हालात हो गए थे
प्राप्त सूचना के अनुसार, बारां जिले में सोमवार रात पार्वती और परवन नदी में जलस्तर बढ़ गया, जिससे कई
निचले इलाकों में जलभराव हो गया। आवासीय कॉलोनियों और गांवों में पानी घुस गया।
बारां के जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘खुरई इलाके में करीब 10 लोग फंसे हुए हैं। वे पानी से घिरे हुए हैं और
उन्हें बचाने के लिए जयपुर में आपदा प्रबंधन और राहत विभाग को हेलीकॉप्टर से मदद की मांग की गई है।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जिले के अन्य स्थानों से लोगों को निकाला जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल
(एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
जा रहा है।
झालावाड़ में जिलाधिकारी डॉ भारती दीक्षित ने कहा कि पांच स्थानों पर बचाव अभियान जारी है, जिसमें निचले
इलाकों से 100 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लगभग पूरा जिला जलमग्न है।’’
पुलिस ने बताया कि झालावाड़ के डग कस्बे में मंगलवार तड़के छप्पर गिरने से एक दंपति और उनके तीन बच्चे
घायल हो गए। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग के सचिव आशुतोष ए. टी. पेडनेकर ने बताया कि बारां में बचाव अभियान के लिए
वायुसेना की ओर से हेलीकॉप्टर मुहैया कराया जा रहा है।
कोटा में सोमवार को 3500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कोटा बैराज से मंगलवार सुबह
साढ़े नौ बजे तक 3.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जबकि दो लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा जा रहा है।
इसी तरह, मंगलवार को झालावाड़ में कालीसिंध बांध से 5.85 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। जलभराव के
कारण संभाग के कई गांव, जिला मुख्यालय से कटे हुए हैं। नदियों के जलग्रहण क्षेत्र के पास के कुछ गांव टापू में
बदल गए हैं। बूंदी शहर में में नगर परिषद ने हालात को देखते हुए मंगलवार और बुधवार को होने वाले काजली
तीज के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
इस बीच, मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटों के दौरान राज्य में सबसे अधिक बारिश झालावाड़ के डग में
29 सेंटीमीटर दर्ज की गई। इसके अलावा अरनोद (प्रतापगढ़) में 26 सेंटीमीटर, पिडावा (झालावाड़) में 23 सेंटीमीटर,
बकानी (झालावाड़) में 23 सेंटीमीटर, पचपहाड़ एवं गंगधर (झालावाड़) में 17-17 सेंटीमीटर बारिश हुई। इस दौरान
पूर्वी राजस्थान के कई अन्य इलाकों में 13 सेंटीमीटर तक बारिश हुई। मौसम विभाग ने मंगलवार को बांसवाड़ा
तथा डूंगरपुर जिलों में भारी से अति भारी बारिश और भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ जिले में भारी बारिश की चेतावनी
जारी की है।