Skanda Sashti 2025: इस दिन रखा जाएगा साल 2025 का पहला स्कंद षष्ठी का व्रत, जानें भगवान कार्तिकेय की पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रियंका कुमारी(संवाददाता)

Skanda Sashti 2025: प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। स्कंद षष्ठी को कुमार षष्ठी और संतान षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कार्तिकेय जी की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी का व्रत कर विधिपूर्वक पूजा करने से  सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है। यदि पहले से संतान है तो उसके जीवन के ऊपर मंडरा रहा हर खतरा टल जाता है। संतान प्राप्ति और संतान की दीर्घायु के लिए स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। साथ ही कहते हैं कि स्कंद माता कुमार कार्तिकेय के पूजन से जितनी प्रसन्न होती हैं, उतनी वे स्वयं के पूजन से भी नहीं होती हैं। मयूर पर आसीन देव सेनापति कुमार कार्तिकेय की आराधना दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा होती है।

स्कंद षष्ठी व्रत 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 4 जनवरी को रात 10 बजे होगा। षष्ठी तिथि का समापन 5 जनवरी को रात 8 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस साल पहला स्कंद षष्ठी का व्रत 5 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 4 जनवरी की रात 10 बजे से लेकर 5 जनवरी को रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व

स्कंद षष्ठी व्रत करने से भगवान कार्तिकेय के साथ-साथ माता गौरी और भगवान भोलेनाथ की भी कृपा बनी रहती है। परिवार और संतान के ऊपर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। जिनकी कोई संतान नहीं है वो लोग जरूर स्कंद षष्ठी का उपवास और पूजा करें। उनकी सूनी गोद जल्द ही भर जाएगी। इसके अलावा स्कंद षष्ठी व्रत के दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियों दूर हो जाती हैं।

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