



World Rose Day कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है। किसी के लिए यह जानना कि उन्हें कैंसर है एक तनावपूर्ण और भयावह सच हो सकता है। ऐसे में कैंसर से जूझ रहे लोगों को प्रेरित करने और उनके जीवन में खुशियां लाने से मकसद से हर साल वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं कैंसर के बारे में सबकुछ
- कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है।
- ऐसे में इस बीमारी से लड़ रहे लोगों को प्रेरित करने के लिए हर साल रोज डे मनाया जाता है।
- आइए इस मौके पर जानते हैं इस जानलेवा बीमारी के बारे में सबकुछ
प्रियंका कुमारी (संवाददाता)
दुनियाभर में आज वर्ल्ड रोड डे मनाया जा रहा है। यह दिन खासतौर पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए मनाया जाता है। इस दिन का मकसद से कैंसर के मरीजों के जीवन में खुशियां लाना है। हर साल 22 सितंबर को मनाया जाने वाला वर्ल्ड रोज डे कैंसर से जंग लड़ रहे लोगों के संघर्ष को सलाम करने और एक नई जिंदगी के लिए उन्हें प्रेरित करने के मकसद से सेलिब्रेट किया जाता है। साथ ही यह दिन उन्हें इस बीमारी से लड़ाई लड़ने लिए भी प्रोत्साहित करता है।
कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण भी है। कैंसर के जूझ रहे व्यक्ति को अगर सही समय पर सही इलाज न दिया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में वर्ल्डरोज डे के मौके पर आज जानेंगे कैंसर से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-
कैंसर क्या है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक कैंसर कई तरह की बीमारियों का एक समूह है, जो शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। इस बीमारी के लिए ट्यूमर और नियोप्लाज्म शब्द का भी इस्तेमाल किया जाता है। शरीर में यह स्थिति तब बनती है, जब सामान्य सेल्स कैंसर सेल्स बन जाते हैं और फिर शरीर के आस-पास के हिस्सों पर हमला करती हैं और धीरे-धीरे शरीर के विभिन्न अंगों में फैल जाती है।
नॉर्मल सेल्स और कैंसर सेल्स में क्या अंतर है?
आम तौर पर, सेल्स जीन्स द्वारा दिए गए इंस्ट्रशन्स को फॉलो करते हैं। जीन्स ही सेल्स के लिए नियम तय करते हैं, जैसे कब बढ़ना शुरू करना है और कब बढ़ना बंद करना है। हालांकि, कैंसर सेल्स उन नियमों की अनदेखी करती हैं, जिनका पालन सामान्य सेल्स करती हैं। ऐसे में नॉर्मल सेल्स और कैंसर सेल्स में निम्न अंतर होता है-
- सामान्य सेल्स नियंत्रित तरीके से डिवाइड और मल्टीप्लाई होते हैं। हालांकि, कैंसर सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ते हैं।
- सामान्य सेल्स को मरने (एपोप्टोसिस) के लिए प्रोग्राम किया जाता है। इसके विपरीत कैंसरग्रस्त सेल्स लगातार बढ़ते रहते हैं।
- सॉलिड अंगों के लिए सामान्य सेल्स स्टेबल रहती हैं, लेकिन सभी कैंसरग्रस्त सेल्स शरीर में इधर-उधर घूमते रहते हैं।
- सामान्य सेल्स कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की तुलना में तेजी से नहीं बढ़ती और फैलती नहीं हैं।
शरीर में कैंसर कैसे शुरू होता है?
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक व्यक्ति के शरीर में कैंसर तब शुरू होता है, जब एक जीन या कई जीन म्यूटेट होते हैं और कैंसर सेल्स बनाते हैं। ये सेल्स कैंसर क्लस्टर या ट्यूमर बनाती हैं। ये कैंसर सेल्स लिंफैटिक सिस्टम या ब्लड स्ट्रीम की मदद से शरीर के अन्य हिस्सों तक जाने के लिए ट्यूमर से अलग हो सकते हैं।
भारत में कितना आम है कैंसर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक दस में से एक भारतीय को कैंसर होता है और हर 15 में से 1 की इससे मौत हो जाती है। इतना ही नहीं इंडियन कॉउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की एक स्टडी के मुताबिक भारत में 2025 तक कैंसर के मामलों में सात गुना वृद्धि होने की संभावना है। बात करें भारत में पाए जाने वाले कैंसर के आम प्रकारों में निम्न हैं-
- लंग कैंसर (Lung Cancer)- लंग कैंसर भारत में सबसे आम कैंसरों में से एक है। यह फेफडों में होने वाला कैंसर है, इसलिए इसे लंग या फेफड़ों का कैंसर कहा जाता है। इंडियन कॉउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एक सर्वेक्षण के अनुसार, साल 2022 में भारत में फेफड़ों के कैंसर के लगभग 70,275 मामले थे, जो 2025 तक दोगुने हो सकते हैं।
- ओरल कैंसर (Oral Cancer)- मुंह में होने वाले कैंसर ओरल या मुंह का कैंसर कहा जाता है। यह पुरुषों में सबसे आम कैंसर और महिलाओं में पांचवां सबसे आम कैंसर है। तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है।
- ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)- ब्रेस्ट कैंसर, जिसे स्तन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, एक जानलेवा बीमारी हैं, जो भारत में महिलाओं की मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च की साल 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं में कैंसर के लगभग 39.4 प्रतिशत मामले स्तन कैंसर के होते हैं।
- सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)- यह कैंसर भारत में बेहद आम है। मेडिकल जर्नल द लांसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर के कारण होने वाली 40 फीसदी मौतों में से 23 प्रतिशत भारत से और 17 प्रतिशत चीन से थीं। इतना ही नहीं सर्वाइकल कैंसर से होने वाली चार में से एक मौत भी भारत में होती है।
- एसोफैगल कैंसर (Esophageal Cancer)- यह कैंसर तब होता है, जब कैंसर सेल्स आपके एसोफैगस या भोजन नली के अंदर बढ़ने लगते हैं। कैंसरइंडिया.ओआरजी पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एसोफैगल कैंसर भारत में छठा सबसे आम कैंसर है। साथ ही मौत का छठा सबसे आम कारण भी है।
- गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric Cancer)- इसे पेट के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। यह कैंसर भारत में पुरुषों में पांचवां सबसे आम कैंसर और महिलाओं में सातवां सबसे आम कैंसर है। इसमें कैंसर सेल्स पहले आपके पेट की अंदरूनी परत में होती हैं और फिर गहराई में प्रवेश करती हैं।
कैंसर के लक्षण क्या हैं?
कैंसर एक गंभीर बीमारी, जिसका समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह मौत का कारण बन सकती है। कैंसर किसी को भी अपना शिकार बना सकता है और बिना लक्षण विकसित हुए वर्षों तक रह सकता है। कैंसर के कई लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं, जिसकी वजह से लोग अक्सर इसे नजरअंजाद भी कर देते हैं। कैंसर के कुछ सामान्य और शुरुआती लक्षणों में निम्न शामिल हैं:-
- अचानक वजन घटना
- लगातार थकान
- लगातार दर्द रहना
- अक्सर रात के समय तेज बुखार होना।
- त्वचा में परिवर्तन
कैंसर के गंभीर लक्षणों में निम्न शामिल हैं-
- आसानी से चोट लगना या ब्लीडिंग होना।
- त्वचा के नीचे गांठें या उभार जो दूर नहीं होते।
- सांस लेने में दिक्क्त
- निगलने में कठिनाई
कैंसर के कारण क्या हैं?
कैंसर एक आनुवंशिक बीमारी है, जो किसी भी व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है। इसके कई सारे कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्न हैं-
- धूम्रपान- सिगरेट, सिगार पीने और ई-सिगरेट कैंसर का एक प्रमुख कारण है। इसके लगातार इस्तेमाल से लंग, पैंक्रियाटिक, एसोफेगल और ओरल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
- हाइट- हाई फैट या हाई शुगर वाले फूड आइटम्स खाने से कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप पर्याप्त व्यायाम नहीं करते हैं, तो आप बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
- पर्यावरण- आपके वातावरण में मौजूद टॉक्सिन्स जैसे एस्बेस्टस, कीटनाशक और रेडॉन के संपर्क में आने से भी कैंसर हो सकता है।
- रेडिएशन एक्सपोजर- सूर्य की यूवी किरणों के संपर्क में आने से त्वचा या स्किन कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा रेडिएशन थैरेपी के ज्यादा संपर्क में आना भी इसका एक जोखिम कारक हो सकता है।
- हार्मोन थेरेपी- हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कैसे करें कैंसर से बचाव?
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जो विभिन्न वजहों से किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में इस बीमारी से बचने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैं।
- अगर आप धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करते हैं, तो इसे छोड़ने का प्रयास करें। आप इसके लिए किसी विशेषज्ञ से मदद ले सकते हैं।
- सेहतमंद रहने के लिए हेल्दी डाइट बेहद जरूरी है। ऐसे में आप ऐसी डाइट फॉलो करें, जो आपके लिए स्वास्थ्यवर्धक हो।
- अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें। व्यायाम आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है, जिससे यह कैंसर के खिलाफ अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।
- एस्बेस्टस, रेडॉन और कीटनाशकों सहित विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से बचें।
- सूरज की हानिकारक किरणों से खुद को बचाकर रखें।
- नियमित रूप से कैंसर की जांच कराएं।