



- यूपी में कांग्रेस पुराने व नए चेहरों में तालमेल बिठाने का कर रही है प्रयास
- लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए जातीय संतुलन पर भी है पार्टी का विशेष जोर
प्रियंका कुमारी (संवाददाता)
कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन में पुराने व नए चेहरों में तालमेल बिठाने में समय लग रहा है। केंद्रीय नेतृत्व ने 17 अगस्त को पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। राय के 24 अगस्त को पदभार संभालने के बाद जल्द नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर चर्चा तेज हो गई थी। राय ने 15 सितंबर तक नई कार्यकारिणी का गठन कर दिए जाने की बात भी कही थी, लेकिन अब तक उसकी कसरत पूरी नहीं की जा सकी है।
प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के लिए नहीं हो पा रहा अंतिम फैसला
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पुरानी कार्यकारिणी में शामिल कई चेहरों को नई जिम्मेदारी सौंपे जाने की तैयारी है। नई कार्यकारिणी में कुछ का कद भी बढ़ेगा। वहीं कई नए चेहरों को शामिल किए जाने को लेकर भी विमर्श चल रहा है। हालांकि एक माह बीतने के बाद भी अभी अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। पार्टी नई कार्यकारिणी में जातीय संतुलन साधने का प्रयास भी करेगी। आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए नए पदाधिकारियों के सामने कम समय में अपनी सक्रियता बढ़ाने की चुनौती भी होगी।
नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन से पहले भेजे जाएंगे 100 से अधिक पदाधिकारियों के नाम
कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस माह के अंत तक कार्यकारिणी का गठन हो जाना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शामिल होकर लौटे हैं। वह शुक्रवार को प्रदेश मुख्यालय में नेताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके उपरांत वह दिल्ली जाएंगे। अनुमान यही है कि नई कार्यकारिणी के नामों पर अंतिम मंथन के बाद 100 से अधिक पदाधिकारियों के नाम तय किए जाएंगे।
कांग्रेस हाई कमान की मुहर के बाद होगी नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा
केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगने के बाद कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी। पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के कार्यकाल में प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हुआ था, जिसमें आठ उपाध्यक्ष समेत 126 पदाधिकारी शामिल थे। पूर्व अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के कार्यकाल में नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका था। इसकी एक वजह पार्टी की अंतरकलह भी मानी गई थी। निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा था। जिसके बाद खाबरी की जगह पार्टी ने सवर्ण अजय राय को अध्यक्ष बनाया है। जबकि प्रांतीय अध्यक्ष की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया था।
2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का था बुरा हाल
यूपी की 80 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए ने 64 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में एनडीए में बीजेपी और अपना दल (एस) एक साथ मिलकर लड़े थे और एनडीए का 51.19 प्रतिशत वोट शेयर रहा था। जिसमें बीजेपी के खाते में 49.98 प्रतिशत और अपना दल (एस) को 1.21 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। महगठबंधन (बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल) को 39.23 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। जिसमें बसपा को 19.43 प्रतिशत, सपा को 18.11 प्रतिशत और रालोद को 1.69 प्रतिशत वोट मिला था। कांग्रेस को इस चुनाव में 6.36 वोट शेयर मिला था।
लोकसभा चुनाव 2019 में किस पार्टी को मिली कितनी सीट
- बीजेपी- 62
- अपना दल (एस)- 2
- बीएसपी- 10
- सपा- 5
- कांग्रेस- 1