



प्रियंका कुमारी (संवाददाता)
संदीपन घाट क्षेत्र के मोहिद्दीनपुर गौस के पंडा चौराहा में 14 सितंबर की रात गोली मारकर की गई पिता-पुत्री व दामाद की हत्या की वजह जमीन की लालच थी। पकड़े गए आठ अभियुक्तों ने हत्या का अपराध स्वीकार किया।
घटना में शामिल दो आरोपितों की तलाश जारी है। जबकि तीसरा आरोपित घायलावस्था में प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती है। गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में घटना का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गये आरोपितों के पास से एक लाइसेंसी रायफल समेत दो तमंचाव कारतूस बरामद किये गये हैं।
छबिलवा निवासी अनुसूचित जाति के होरीलाल के दामाद शिवसरन निवासी कांकराबाद कोखराज ने पंडा चौराहा में डेढ़ वर्ष पहले एक भूमि क्रय की थी। शिवसरन वहीं झोपड़ी बनाकर अपनी पत्नी बृजकली के साथ रहता था। 14 सितंबर की रात अज्ञात लोगों ने गोली मारकर तीनों की हत्या कर दी।
दूसरे दिन सुबह आक्रोशित परिवार के लोगों ने जमीनी विवाद में कत्ल का आरोप लगाते हुए विपक्षी व उनकी जाति चौहान और यादव के लोगों के घरों व दुकानों को आग के हवाले कर दिया।
मृतक होरीलाल के बेटे सुभाष की तहरीर पर पुलिस ने गुड्डू यादव, अरविंद निवासी छबिलवा, अमर सिंह निवासी पथरहा, अमित सिंह, अनुज, राजेंद्र सिंह, पीएसी कर्मी सुरेश व अजीत निवासी मोहिद्दीनपुर गौस के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया।
पुलिस ने कुछ घंटे में ही अजीत व अमर सिंह को हिरासत में लेते हुए जांच शुरू कर दी। धीरे-धीरे कर पुलिस ने गुड्डू, अरविंद, अमित, अनुज व सुरेश को भी पकड़ लिया। पूछताछ में जमीनी विवाद की बात सामने आई।
साथ ही घटना में शामिल तीरथ निषाद निवासी नंदा का पूरा सरायअकिल, जयकरन यादव निवासी हथिया बीट व अनूप निवासी मोहिद्दीनपुर गौस का भी नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने तीरथ को भी पकड़ लिया। जबकि शेष जयकरन फरार है और अनूप घटना वाले दिन गोली लगने से एसआरएन अस्पताल में भर्ती है। बहरहाल पुलिस अधीक्षक के मुताबिक पकड़े गये आरोपितों ने जमीन की लालच में हत्या का जुर्म स्वीकार किया।
ITI बनने और हाइवे प्रस्तावित होने पर बेशकीमती थी जमीन
पकड़े गये नामजद आरोपित सुरेश ने बताया कि वह प्रयागराज के नैनी स्थित 42वीं वाहिनी में पीएसी कर्मी है। गांव में 53 बीघा ग्राम समाज की भूमि है। इसमें 55 लोगों को पट्टा मिला है। जिसमें 20 पट्टाधारक काबिज हैं। जो लोग काबिज नहीं थे, वह अपनी पट्टा की भूमि दूसरे गांव के लोगों को बेच दिये।
शिवसरन ने भी एक पट्टाधारक से 10 बिस्वा भूमि एग्रीमेंट कराया था। इसी तरह अमर सिंह, सुरेश, अमित व अरविंद व अन्य लोगों ने भी उस स्थान पर कुछ भूमि पट्टाधारकों से क्रय की थी, लेकिन मौके पर खाली भूमि न होने के कारण कब्जा नहीं हो पाया था।
आइटीआइ कालेज बन जाने व वहां से हाइवे प्रस्तावित होने के कारण भूमि की कीमत भी कई गुना बढ़ गई थी। जिसकी लालच में अभियुक्त जमीन कब्जा करना चाहते थे। चौहान व यादव जाति की बस्ती में अनुसूचित जाति का शिवसरन कब्जेदार था। लिहाजा उसे हटाकर जमीन पर कब्जा करने की नीयत से हत्या की साजिश रची गई।
घटना के सूत्रधार थे पीएसी कर्मी समेत तीन आरोपित
तिहरा हत्याकांड के सूत्रधार जयकरन, अमर सिंह व सुरेश थे। उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम देने की योजना बनाई। घटना वाले दिन सुरेश मौके पर नहीं था। जबकि अन्य आरोपितों ने शिवसरन की झोपड़ी में धावा बोला।
पकड़े गये अभियुक्तों ने बताया कि जयकरन व गुड्डू ने सबसे पहले होरीलाल को पकड़ा और गोली मार दी। फायर की आवाज सुनकर बृजकली बाहर आई तो अमित व अनूप ने पकड़ लिया। पहली गोली चली तो अनूप के सीने में लगी।
दूसरे गोली अमित ने फिर चलाई जो बृजकली की गर्दन को चीरते हुए सीधे पेट में जा फंसी। इसके बाद अन्य आरोपितों ने शिवसरन को पकड़ा और गोली मारी।
होगी गैंगस्टर व एनएसए की कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि तिहरा हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए एएसपी समर बहादुर के नेतृत्व में सीओ चायल योगेंद्र कृष्ण नारायण, थानाध्यक्ष संदीपन घाट दिलीप कुमार सिंह, सरायअकिल के प्रभारी निरीक्षक विनीत सिंह व एसओजी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह को घटना के अनावरण के लिए लगाया गया था। हत्याकांड में शामिल सभी आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट व एनएसए की कार्रवाई की भी की जाएगी।