



- ऑटो में जीपीएस लगवाने को लेकर परिवहन विभाग ने आटो मालिकों पर बढ़ाया दबाव
- इसके पीछे सवारियों के साथ ऑटो की सुरक्षा का भी दिया जा रहा हवाला
प्रियंका कुमारी (संवाददाता)
राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर चलने वाले ऑटो में जीपीएस लगाने को लेकर अब परिवहन विभाग ने ऑटो मालिकों पर दबाव बनाना शुरू किया है। इससे संबंधित संदेश विभाग द्वारा भेजे जा रहे हैं। साथ ही ऐसा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है।
ज्ञात हो कि दिल्ली में 75 हजार ऑटो में बमुश्किल कुछ हजार ऑटो में ही जीपीएस की व्यवस्था है। वर्ष 2020 से सरकार ने किया था अनिवार्य लेकिन तभी कोरोना आ गया था, इसके साथ ही ऑटो चालकों ने इसके कई प्रविधानों को लेकर एतराज भी था। ऐसे में सरकार ने उस वक्त कड़ा रुख नहीं अपनाया, लेकिन अब फिर से सक्रिय होते हुए सरकार ने ऑटो चालकों को नोटिस भेजना शुरू किया है।
आम आदमी पार्टी के ऑटो संगठन से जुड़े किशन वर्मा बताते हैं कि 14 सितंबर से इस तरह के संदेश आने शुरू हुए हैं। जिसमें जल्द से जल्द जीपीएस को सक्रिय करने को कहा जा रहा है। इस संबंध में सवारियों के साथ ऑटो की सुरक्षा का भी हवाला दिया जा रहा है।
वहीं, ऑटो चालक जीपीएस को चालू रखने के लिए किसी भी ब्रॉडबैंड कंपनी से सिम खरीदने देने की कर रहे हैं मांग, इनका दावा कि तय कंपनी का सिम और उसका किराया महंगा है। इसलिए ऑटो चालक इसको शुरू कराने से बच रहे हैं। किशन वर्मा कहते हैं कि आज बहुत सारी कंपनी सस्ता डाटा मुहैया करा रही हैं।
उनके अनुसार परिवहन विभाग का नोटिस मिलने के बाद से ऑटो चालकों को जीपीएस के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। उनसे आग्रह किया जा रहा है कि वह अपने ऑटो में लगे जीपीएस को एक्टिवेट कर लें।
असल में हर वर्ष ऑटो का फिटनेस टेस्ट होता है, जिसके लिए उसमें जीपीएस का सक्रिय होना अनिवार्य होता है। ऑटो चालक करते क्या है कि उस दौरान ही केवल अपना जीपीएस चालू करते हैं इसके बाद साल भर तक वह निष्क्रिय रहता है।