



UP Anti-Corruption Team सेवानिवृत्ति के बाद प्रोवाइड फंड और ग्रेविटी के भुगतान के अलावा पेंशन का निर्धारण भी होना था। छावनी परिषद में इसके लिए लंबी प्रक्रिया है। प्रक्रिया को जल्दी पूरी करने के नाम पर वरिष्ठ लिपिक ने महिला कर्मचारी से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। महिला कर्मचारी की शिकायत पर ही टीम ने छापा मारा और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
प्रियंका कुमारी(संवाददाता)
अस्थाई मोबाइल टावर लगाई जाने को लेकर पहले से ही विवादों में घिरे छावनी परिषद कार्यालय में बुधवार को एक बार फिर सीबीआइ ने छापा मारा। सीबीआइ की एंटी करप्शन टीम ने छावनी परिषद के वरिष्ठ लिपिक धर्मेंद्र को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
आरोपित लिपिक ने एक सेवानिवृत महिला कर्मचारी से प्रोविडेंट फंड और पेंशन निर्धारण कराने के एवज में 50 हजार रुपये मांगे थे। सीबीआइ की एंटी करप्शन टीम बुधवार की दोपहर करीब 11:00 बजे छावनी परिषद पहुंची।
उन्होंने यहां पर वरिष्ठ लिपिक धर्मेंद्र को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआइ धर्मेंद्र से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक 30 जून को छावनी परिषद की सफाई कर्मचारी रामवती सेवानिवृत हुई थी।
सेवानिवृत्ति के बाद प्रोवाइड फंड और ग्रेविटी के भुगतान के अलावा पेंशन का निर्धारण भी होना था। छावनी परिषद में इसके लिए लंबी प्रक्रिया है। प्रक्रिया को जल्दी पूरी करने के नाम पर वरिष्ठ लिपिक ने महिला कर्मचारी से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। महिला कर्मचारी की शिकायत पर ही टीम ने छापा मारा और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।