बाल विवाह पर छात्राओं ने बेबाकी से रखी अपनी राय

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School students preventing child marriages to be felicitated - Hindustan  Times

फरीदाबाद- (प्रियंका कुमारी) सेक्टर-16 ए स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय में कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ की ओर से जनसाक्षर और उल्लास अभियान के तहत शनिवार को वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 14 छात्राओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बाल विवाह, सूचना का अधिकार एवं कानूनी साक्षरता पर अपने विचार साझा किए।प्राचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देना जरूरी है। कानूनी जागरूकता के अभाव में महिलाएं घरेलू हिंसा एवं सामाजिक प्रताड़ना का शिकार होती हैं। यदि महिलाओं को कानून की जानकारी हो तो समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकता है। बीए तृतीय वर्ष की संजना ने बाल विवाह के विरोध में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बाल विवाह बच्चों से उनका बचपन छीन लेता है, उसके बदले में उन्हें कई प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां देता है। वहीं, रिंकी ने कहा कि बाल विवाह बच्चों के सपनों की उड़ान को रोक देता है। बाल विवाह से मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक विकास रुक जाता है। इसी प्रकार अन्य छात्राओं ने भी सूचना अधिकार अधिनियम एवं कानूनी जागरूकता पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर डाॅ. प्रीति रैना, सोनिया व सविता नागर आदि मौजूद रहे।

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