कौन हैं R Praggnanandhaa, जिसने शतरंज विश्व कप के फाइनल में मारी धांसू एंट्री, अब वर्ल्ड नंबर-1 को देंगे टक्कर

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कौन हैं R Praggnanandhaa, जिसने शतरंज विश्व कप के फाइनल में मारी धांसू एंट्री, अब वर्ल्ड नंबर-1 को देंगे टक्कर

भूमि शर्मा (सवांददाता)

फिडे शतरंज विश्व कप टूर्नामेंट के फाइनल में आर प्रगनानंद ने जगह बना ली है। उन्होंने सेमीफाइनल में विश्व नंबर 3 खिलाड़ी फाबियानो कारूआना को टाईब्रेकर में 3.5-2.5 से हराया। अब शतरंज विश्व कप के फाइनल में प्रगनानंद का सामना विश्व नंबर 1 खिलाड़ी मैग्रेस कार्लसन से होगा। ऐसे में शतरंज विश्व कप के फाइनल में एंट्री करने वाले वह दूसरे भारतीय भी बन गए है।

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कहते हैं सफलता की कोई उम्र नहीं होती है। अगर इंसान में जज्बा है तो वह अपनी मेहनत के दम पर किसी भी उम्र में सफलता हासिल कर सकता है

ऐसा ही कुछ भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद (R Praggnanandhaa) ने हाल ही में कर दिखाया है। महज 18 साल की उम्र में जहां आम बच्चे 12वीं क्लास पास करते हुए नजर आते है तो इस उम्र में इस जीनियस बच्चे ने इतिहास रच दिया है।

बता दें कि फिडे शतरंज विश्व कप टूर्नामेंट के फाइनल में प्रगनानंद ने जगह बना ली है। उन्होंने सेमीफाइनल में विश्व नंबर 3 खिलाड़ी फाबियानो कारूआना को टाईब्रेकर में 3.5-2.5 से हराया। अब शतरंज विश्व कप के फाइनल में प्रगनानंद का सामना विश्व नंबर 1 खिलाड़ी मैग्रेस कार्लसन से होगा।

ऐसे में शतरंज विश्व कप के फाइनल में एंट्री करने वाले वह दूसरे भारतीय भी बन गए है। आइए जानते हैं इस आर्टिकल के जरिए कौन हैं ये भारतीय ग्रैंडमास्टर और कहां से उन्होंने शतरंज का खेल सीखा?

FIDE World Cup 2023: कौन हैं R Praggnanandhaa?

दरअसल, एक भारतीय प्लेयर है, जिनका जन्म 5 अगस्त को साल 2005 में हुआ था। भारत के युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद ने बेहद ही कम उम्र में अपने टैलेंट का लोहा मनवाया। साल 2022 में ग्रैंडमास्टर का टाइटर जीता।

साल 2013 में ने वर्ल्ड युथ चेस चैंपियनशिप अंडर-8 का टाइटल जीता था और सात साल की उम्र में उन्होंने FIDE Master और साल 2015 में उन्होंने अंडर-10 का टाइटल अपने नाम किया। 10 साल की उम्र में उन्होंने इतिहास रचा। वह सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर क्लास चेस प्लेयर बने थे।

साल 2017 में उन्होंने पहली बार ग्रैंडमास्टर का टाइटल जीता था। इसके अलावा भी उन्होंने कई रिकॉर्ड्स बेहद ही कम उम्र में अपने नाम किए।

R Praggnanandhaa ने किससे सीखा शतरंज का खेल?

बता दें कि  सिर्फ 3.5 साल के थे जब उन्होंने शतरंज में रुचि दिखाना शुरू किया। उन्हें शतरंज का खेल अपनी बहन वैशाली से सीखा। बहन वैशाली पहले से शतरंज को लेकर क्लास लेती थी। वह धीरे-धीरे इस खेल में एक इंटरनेशनल मास्टर खिलाड़ी बन गई थी। आर्थिक तंगी की वजह से प्रगा शतरंज की क्लास नहीं ले सके, इसके लिए वह अपनी बहन से ही शतरंज सिखते थे।

शतरंज के अलावा क्रिकेट के शौकीन हैं R Praggnanandhaa

बता दें कि आर प्रगनानंद को शतरंज के अलावा क्रिकेट का भी बड़ा शौक है। वह अक्सर क्रिकेट के मैच देखते है। हालांकि, वह सोशल मीडिया से दूर रहना पसंद करते हैं।

R Praggnanandhaa का टूर्नामेंट में अभी तक प्रदर्शन रहा बेमिसाल

बता दें कि शतरंज विश्व कप के टूर्नामेंट में दो मैचों की क्लासिकल सीरीज 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुई। इसके बाद भारतीय मास्टरमाइंड प्लेयर ने रोमांचक टाईब्रेकर में चतुर दिमाग की लड़ाई में अमेरिकी ग्रैंडमास्टर कारूआना को हरा दिया। विश्व कप के दौरान ही 18 वर्ष के होने वाले प्रगनानंद ने सेमीफाइनल से पहले दूसरे वरीय हिकारू नाकामूरा को पछाड़ा था।

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