Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर कैसे शुरू हुई गुड़िया पीटने की परंपरा? जानिए नाग देवता की पूजा की सही विधि

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Nag  Panchami 2023: कब और कैसे शुरू हुई गुड़िया को पीटने की परंपरा, जानें  इसका नाग पूजा से क्या है कनेक्शन? | Nag Panchami 2023 Rituals why does  beating dolls on Nag

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प्रियंका कुमारी(संवाददाता)

Nag Panchami 2023: सावन माह के सातवें सोमवार (21 अगस्त 2023) के दिन नाग पंचमी का पर्व भी मनाया जाएगा। इस दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। हर साल सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। वहीं आपको बता दें कि कई नाग पंचमी को गुड़िया का पर्व के रूप में भी जाना जाता है। कई जगह नाग पंचमी के दिन महिलाएं घर के पुराने कपड़ों से गुड़िया बनाकर चौराहे पर लटकाती हैं। फिर बच्चे और भाई इसे डंडों से पीटते हैं। ऐसा में आइए जानते हैं कि आखिर गुड़िया को पीटने के पीछे क्या पौराणिक मान्यताएं हैं।

नाग पंचमी में गुड़िया क्यों पीटा जाता है?

पौराणिक कथा के मुताबिक, एक लड़की का भाई भोलेनाथ का परम भक्त था। वह प्रतिदिन मंदिर जाता था और वहां नाग देवता के दर्शन करता था। एक दिन मंदिर में जाते ही सांप हमेशा की तरह लड़के के पैरों से लिपट गए। यह नजारा देख कर उसकी बहन घबरा गई। उसे लगा कि सांप उसके भाई को काट रहा है। भाई की जान बचाने के लिए बहन ने सांप को पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद जब भाई ने अपनी और सांप की पूरी कहानी बताई तो बहन रोने लगी। वहां मौजूद लोगों ने कहा कि ‘नाग’ भगवान का रूप है और तुमने उसे मार डाला इसलिए तुम्हें दंड तो मिलना ही चाहिए। यह गलती लड़की से अनजाने में हुई थी इसलिए आज से इस दिन लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा। माना जाता है कि तभी से नागपंचमी के दिन गुड़िया पीटने की परंपरा शुरू हुई।

नाग पंचमी के दिन पूजा कैसे की जाती है?

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग कुल के सभी नागों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करनी चाहिए। इस दिन नाग देवता को गाय का दूध, धान का लावा, सफेद फूल और धूप आदि चढ़ाना चाहिए। पूजा के दौरान नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र ‘ओम वकुल नागाय विद्महे विषदंताय धीमहि, तन्नो सर्प: प्रचोदयात्’ का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की मूर्ति पर तांबे के लोटे से दूध और जल चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा यदि संभव हो तो मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उनकी पूजा और अभिषेक भी किया जा सकता है। यदि यह संभव न हो तो मिट्टी के नाग-नागिन के जोड़े की भी पूजा की जा सकती है। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव और नाग देवता दोनों प्रसन्न होते हैं।

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