



भूमि शर्मा (संवाददाता)
बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश (Department Of Basic Education Uttar Pradesh) ने राज्य में बालिकाओं के लिए मीना मंच लॉन्च किया है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से यह मंच को लॉन्च करने का प्रमुख उद्देश्य उच्च प्राथमिक विद्यालय व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में अध्ययनरत बालिकाओं में लीडरशिप और अभिव्यक्ति की क्षमता का संवर्धन करना है। मीना मंच के जरिए बालिकाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जायेगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित। यह सब उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन मॉडल के तहत किया जाएगा।
प्रत्येक कक्षा में नियुक्त होगी पावर एंजल
डिपार्टमेंट ऑफ बेसिक एजुकेशन उत्तर प्रदेश की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार स्कूलों में मीना मंच की सक्रिय बालिकाओं में से प्रत्येक कक्षा के लिए एक बालिका को पावर एंजल के रूप में चिन्हित करके नियुक्त किया जाएगा। पावर एंजल सभी बालिकाओं बालिकाओं को उनके अधिकारों एवं दात्वियों के बारे में जानकारी प्रदान करने का काम करे
पावर एंजल के कार्य
- पावर एंजिल अपनी कक्षा की सभी लड़कियों से निरंतर संपर्क में रहेगी।
- साथी छात्राओं को उचित व्यवहार तथा कक्षा में या कक्षा के बाहर किसी प्रकार के अवांछित आचरण एवं दुर्व्यवहार के प्रति सतर्क रहने की सलाह देगी।
- विद्यालय या इसके बाहर किसी भी छात्रा के साथ होने वाली किसी भी प्रकार की घटना होने पर उसकी सूचना पावर एंजल को दी जाएगी। पॉवर एंजल उस छात्रा को परामर्श देते हुए उसकी जानकारी विद्यालय के क्लास टीचर या प्रिंसिपल को देगी।
- पावर एंजिल क्लास 5 तथा क्लास 8 में पढ़ने वाली बालिकाओं को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए उनकी कॉउंसलिंग करेगी।
- अंधविश्वास को दूर करके बालिकाओं में वैज्ञानिक चेतना विकसित करने के लिए छोटे-छोटे कार्यक्रम का आयोजित करेगी।
टीचर्स की भी होगी भूमिका
मीना मंच में शिक्षकों की सहभागिता को भी शामिल किया गया है। विद्यालय के टीचर्स बच्चों को अपनी शिकायतें लिखकर शिकायत पेटिका में डालने के लिए प्रेरणा देंगे। इसके अलावा हर महीने के अंतिम शनिवार को स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) की एक महिला सदस्य शिकायत पेटी से शिकायतों को पढ़कर बालिकाओं के उत्तर देगी। इसके साथ ही उस समस्या का कमेटी द्वारा समाधान भी किया जायेगा।