



प्रिया कश्यप (सवांददाता )
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी दौरे के दौरान भारत और अमेरिका ने साल 2030 तक जलवायु परिवर्तन से निपटने और भारतीय रेलवे के जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी में पूरे भारत के करीब 1000 रेलवे स्टेशनों पर सौर पैनल और ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था और उपकरणों को लगाया जाएगा।
पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है। वर्तमान में दुनिया के सभी देश इसका सामना कर रहे हैं और यह विश्व को पूरे साल परेशान करता रहता है। भारत से लेकर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से लेकर अफ्रीका तक के सारे देशों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भारत ने अब तक कई कदम उठाए हैं। साल 2021 में ग्लासगो में हुए COP26 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य रखा था।
रेलवे ने अमेरिकी एजेंसी के साथ किया करार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी दौरे के दौरान भारत और अमेरिका ने साल 2030 तक जलवायु परिवर्तन से निपटने और भारतीय रेलवे के जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू के मुताबिक, रेलवे में शून्य कार्बन उत्सर्जन के उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा। मालूम हो कि भारतीय रेलवे और यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के बीच यह समझौता हुआ है।
पूरे भारत में करीब 1000 स्टेशनों पर लगाया जाएगा सौर पैनल
अमेरिकी सरकार की यह एजेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक विकास और कृषि-व्यापार के क्षेत्र में सहयोग देकर मिशन के उद्देश्यों को पूरा करती है। करार के मुताबिक, यह एजेंसी भारतीय रेलवे को तकनीकी सहायता एवं समर्थन भी देगी। इस साझेदारी में पूरे भारत के करीब 1,000 रेलवे स्टेशनों पर सौर पैनल और ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था और उपकरणों को लगाया जाएगा। एक विज्ञप्ति के अनुसार, इसके तहत नेट-जीरे लक्ष्य के अनुरूप नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy), ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency) और ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) प्रौद्योगिकियों में तेजी लाने के लिए दोनों भागीदार एक साथ मिलकर काम करेंगे।
क्या होता है जलवायु परिवर्तन?
मालूम हो कि जब किसी भी क्षेत्र विशेष के मौसम में परिवर्तन देखा जाता है उसी को जलवायु परिवर्तन कहा जाता है। यह परिवर्तन किसी भी स्थान या फिर पूरे विश्व में महसूस किया जा सकता है। हालांकि, इसका प्रभाव वर्तमान परिदृश्य में समूचे विश्व में देखा जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण बर्फ पिघल रहे हैं और महासागरों का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। समुद्र में लगातार जल स्तर की बढ़ोतरी प्राकृतिक आपदाओं और कुछ द्वीपों के डूबने की ओर इशारा कर रही है।