



प्रिया कश्यप (सवांददाता )
Agra News In Hindi आगरा में खंदौली की मीना को नवंबर 2014 में किन्नर दे गई थी नाले किनारे फेंकी नवजात बच्ची। आठ वर्ष तक बच्ची को पाला इसके बाद किन्नर उसे ले गयी। चाइल्ड लाइन की मदद से किया बरामद अब दावेदारी का विवाद होने पर भेजा शिशु गृह। आठ साल की बेटी काे पाने के लिए भटक रही मां।
28 नवंबर 2014 की सुबह करीब चार बजे थे। कड़ाके की सर्दी पड़ रही थी। नंदलालपुर खंदौली की रहने वाली मीना गहरी नींद में थीं। दरवाजे पर लगातार दस्तक से उनकी नींद खुली। दरवाजा खोला तो सामने परिचित किन्नर गोद में नवजात बच्ची लिए खड़ी थी। बोली नाले किनारे कोई फेंक गया है। रोने की आवाज सुनकर वहां गई ताे यह बच्ची मिली, इसे तुम पाल लो, सर्दी में कुछ और देर बाहर रही तो बचेगी नहीं।
बड़ी बेटी ने गोद में ले ली बच्ची
मेरे पास चार बच्चे पहले से हैं, इसे कहां से रख लूं। मीना ने किन्नर से कहा। मां और किन्नर से होती बातचीत से उनकी बड़ी बेटी अंजू की आंख खुल गई। दरवाजे पर आई तो बच्ची को देखते ही उसे गोद में ले लिया। कितनी प्यारी बच्ची है, मां इसे ले लो हम पाल लेंगे। पल भर में रिश्ता बदला और नन्हीं सी जान परिवार का हिस्सा बन गई। किन्रर उनकी गोद में डालकर चली गई।
दस दिन अस्पताल में भर्ती रही बच्ची
परिवार को दस दिन बाद बच्ची अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहां पता चला कि बच्ची प्री मैच्योर है। खून में भी संक्रमण है। मीना के पति अरमान ने उसे अपना खून दिया। परिवार ने उसकी देखभाल में दिन-रात एक कर दिया। अस्पताल में एक सप्ताह में 40 हजार रुपये इलाज में खर्च किए। तब उसका जीवन बचा। मीना और चारों बच्चों के लिए बच्ची उनकी दुनिया बन चुकी थी। उसका नाम कायनात रखा।
धूमधाम से मनाया पहला जन्मदिन
पहला जन्मदिन धूमधाम से मनाया। आठ वर्ष में बच्ची सबकी आंखों का तारा बन गई थी। अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कायनात काे प्रवेश दिलाया। वह पहली कक्षा में पढ़ रही थी। अक्टूबर 2021 में किन्नर ने मीना के घर पर पहुंची। इसी दौरान सुंदर गोल मटोल बालिका स्कूल से लौटी थी। किन्रर ने पूछा ये कौन है, मीना ने बताया वही बच्ची है जिसे वह छोड़ गई थी। तीन वर्ष तक चले उपचार के बाद वह सही हो सकी। मीना ने बताया कि किन्नर उस समय कुछ नहीं बोली। वहां से चली गई। दो दिन बाद कार से आई। वह घर पर नहीं थीं।
चाकलेट दिलाने के बहाने साथ ले गयी
कायनात को चाकलेट दिलाने के बहाने कार में डालकर अपने साथ ले गई। उन्होंने चाइल्ड लाइन और स्थानीय पुलिस की मदद से बच्ची को फर्रुखाबाद के कायमगंज से बरामद कर लिया। वहां की चाइल्ड लाइन ने कायनात को उनकी सुपुर्दगी में दिया। कुछ दिन बाद चाइल्ड लाइन ने दिसंबर 2021 में बच्ची को आगरा में बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। उसने भी बच्ची मीना को दे दिया।
समिति ने बच्ची को भेज दिया शिशु गृह
गुरुवार को मीना जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची। उन्होंने बताया कि बच्ची को अगस्त 2022 में समिति ने बच्ची को शिशु गृह भेज दिया। जन्म लेने के कुछ घंटे बाद ही गोद में आई बच्ची अब उनकी दुनिया बन चुकी है। बच्ची आठ वर्ष तक उनकी गोद में पली, भाई-बहनों के बीच रही, वह अब कहीं और नहीं रह सकती। उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा। वह उनके बिना नहीं रह सकती है।
बच्ची का भी बुरा हाल
इधर, बच्ची का भी बुरा हाल है। वह मीना और उनके पास जाने के लिए रोती रहती है। वह भी उनके बिना नहीं रह सकती हैं। उनके पति आर्केस्ट्रा में काम करते हैं। वह पति के साथ 10 महीने से बाल कल्याण समिति,जिला प्रोबेशन अधिकारी और जिलाधिकारी कार्यालय के बीच भटक रही हैं।