



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)
इसी का नतीजा है कि इस साल केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए रोजाना करीब 20 हजार भक्त पहुंच रहे हैं। 16-17 जून 2013 को आई आपदा के बाद केदारनाथ में हुई तबाही का मंजर बेहद खौफनाक था।
यहां चौराबाड़ी झील में बादल फटने से बहकर आए भारी मलबा और विशाल बोल्डर ने तबाही ला दी थी। तब किसी ने सोचा नहीं था कि धाम में शांत बहने वाली मंदाकिनी नदी विकराल रूप लेकर तबाही मचा देगी।
उस रात सैलाब के रास्ते में आए सैकड़ों घर, रेस्टोरेंट और हजारों लोग बह गए। जब इस जलप्रलय के बारे में पता लगा तो पूरा देश शोक में डूब गया। आपदा में 4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद हुए। जबकि पांच हजार से अधिक लापता हो गए थे। इतना ही नहीं आपदा के कई वर्षों बाद भी लापता यात्रियों के कंकाल मिलते रहे। इस त्रासदी में मृतकों की सही संख्या को लेकर तरह-तरह के कयास भी लगाए गए।