अमेरिका में जब पार्सल खोलने से डर जाते थे लोग, FBI को ढूंढने में लग गए थे 17 साल; पढ़ें इस प्रोफेसर की कहानी

Advertisement

US एयरफोर्स का कर्मचारी था 21 साल का जैक, FBI ने घर से हथियार बरामद किए |  Pentagon Secret Documents Leaked | US Airforce Employee Arrested By FBI -  Dainik Bhaskar

विनीत महेश्वरी (संवाददाता)

Advertisement

अमेरिका की नाक में दम कर देने वाला हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का एक प्रोफेसर खुद बम को तैयार करता और फिर पार्सल के जरिए निर्दोष लोगों को अपना निशाना बनाता था। तेज तर्रार और शातिर दिमाग वाला अमेरिकी प्रोफेसर ऐसे बम तैयार करता था जो केवल पार्सल में आते थे। इसे कोई भी खोलता तो उसकी मौत तय थी।

मॉडर्न जिंदगी से हो गई थी नफरत, अमेरिका से लिया बदला

मॉडर्न जिंदगी, टेक्नॉलजी और बदलती इंडस्ट्रीज से नफरत करने वाले इस प्रोफेसर का नाम थियोडोर काजिंस्की या टेड काजिंस्की था। 1942 में जन्में काजिंस्की का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता था। महज 16 साल की उम्र में ही वह हार्वर्ड में पढ़ाई करने लगा था। होनहार छात्रों की गिनती में आने वाला काजिंस्की गणित के सवालों को चुटकी में ही हल कर देता था। उसका आईक्यू स्कोर 167 था। उस दौर में इतनी छोटी उम्र में ही कांजिस्की को काफी पहचान मिल चुकी थी।

कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाले लोगों बढ़ी नफरत

काजिंस्की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने लगे। 25 साल की उम्र में उनकी जिंदगी ने एक अलग मोड़ ले लिया। अच्छी खासी नौकरी चल रही थी, लेकिन एक दिन वह अचानक गायब हो गए। उन्होंने नौकी छोड़ी और दुनिया से अलग-थलग हो गए।

कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाले लोगों से टेड की नफरत बढ़ने लगी थी। विद्रोह का रास्ता चुन उन्होंने अपने ही यूनिवर्सिटी के लोगों को निशाना बनाना शुरू किया। टेड शहर से कोसो दूर 1,000 से कम लोगों के शहर लिंकन में जाकर रहने लगे, जहां न बिजली थी और न ही पानी। सभी सुविधाओं का त्याग करने वाले काजिंस्की ने एक छोटे से घर में ही बम बनाना शुरू किया।

लेटर और पार्सल बम से अपने ही यूनिवर्सिटी के लोगों को बनाया निशाना

खुद से तैयार करने वाले इन बमों को उसने सबसे पहले अपने ही यूनिवर्सिटी के लोगों पर ट्राई किया। इसके लिए उसने एक लेटर और पार्सल को चुना। इनमे बम को फिट करने के बाद जिसे भी टारगेट करना होता वहां के पते पर पोस्ट कर देता। जैसे ही वो शख्स इस पार्सल या खत को खोलता वो बम फट जाता। यह सिलसिला 1 या 2 साल नहीं बल्कि 17 सालों तक चला। उसने ऐसे ही कई लोगों को लेटर बम और पार्सल बम भेजना शुरू किया।

17 साल तक शिक्षकों, व्यापारियों और आम जनता को बनाया निशाना

17 साल होने के बाद भी एफबीआई काजिंस्की को पकड़ने में असमर्थ थी। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि उसे कैसे पकड़ा जाए। 1978 से 1995 के बीच काजिंस्की ने अपने देसी बमों से शिक्षकों, व्यापारियों और आम जनता को निशाना बनाया। यूनिवर्सिटी को निशाना बनाने की वजह से एफबीआई ने टेड काजिंस्की को यूनाबॉम्बर नाम दे दिया था।

35 हजार पेज का तैयार किया मेनिफेस्टो

सितंबर 1995 में काजिंस्की का खौफ चरम पर पहुंच गया था। इसी दौरान काजिंस्की ने अपना एक मैनिफेस्टो तैयार किया। यह 35 हजार पेज का मेनिफेस्टो था और इसे पब्लिश करने के लिए वाशिंगटन पोस्ट और द न्यूयॉर्क टाइम्स को बोला गया। मेनिफेस्टो का नाम था- ‘इंडस्ट्रियल सोसायटी एंड इट्स फ्यूचर’। इस 35 हजार पेज के मेनिफेस्टो को तैयार करने के पीछे का मकसद केवल लोगों को ये बताना था कि टेक्नॉलजी और मॉडर्न लाइफ की वजह से आम जनता की जिंदगी मुश्किल होती जा रही है।

जब काजिंस्की अपने ही जाल में फंसा

इस मैनिफेस्टो को पढ़ने के बाद काजिंस्की के भाई-भाभी समझ गए थे कि ऐसा काम केवल उसका भाई ही कर सकता है।

काजिंस्की अपने ही जाल में फंस चुका था, क्योंकि उसके मैनिफेस्टो के जरिए ही एफबीआई को पहली बार कोई सुराग हाथ लगा था। उसकी तलाश शुरू हुई और अप्रैल 1996 में अमेरिकी जांच अधिकारियों ने मोंटाना के आउटर इलाके से काजिंस्की को गिरफ्तार किया। काजिंस्की प्लाईवुड से बने 3 बाई 4 मीटर के केबिन में रहता था और एफबीआई को बम बनाने वाला सामान और दो तैयार बम भी मिले थे।

जेल में खुद को लगाई फांसी

अमेरिका में आतंक फैलाने के लिए काजिंस्की को चार बार उम्रकैद की सजा हुई। हर उम्र कैद की सजा 30 साल से ज्यादा थी। काजिंस्की ने भी अपने सारे गुनाह कबूल कर लिए थे। उसने पुलिस को बताया कि अपने देसी बमों से 16 बार उसने लोगों को निशाना बनाया था। उसके बम से 3 लोगों की जान गई थी और 25 लोग घायल हुए थे।

जेल में बंद काजिंस्की 10 जून, 2023 को बेहोशी के हालात में अपने सेल में मिला। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। निर्दोष लोगों की जान लेने वाले काजिंस्की ने 81 साल की उम्र में आत्महत्या कर अपने जीवन को समाप्त कर दिया।

Leave a Comment

Advertisement
What does "money" mean to you?
  • Add your answer