



विनीत माहेश्वरी (संवांदाता)
फाइनल जीतने वाली टीम को चमचमाती मेस मिलेगी। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या टीम इंडिया फाइनल मैच को जीतकर मेस पर अपना कब्जा जमा पाएगी या नहीं? हालांकि, आइए इससे पहले समझते हैं कि आखिर यह मेस इतना खास क्यों है?
थॉमस लिटे के लंदन के सिल्वर वर्कशॉप में तैयार हुई इस मेस को हाथ से तैयार की गई है। स्टंप की तरह दिखने वाले मेस के लंबे हैंडल के चारों ओर लगे चांदी के छल्ले को सफलता की निशानी बताया है। हालांकि, इस मेस की सबसे खूबसूरत हिस्सा ऊपर लगी सोने की गेंद है, जो दुनिया के मानचित्र के बीचोबीच लगाई गई है। ऊपरी हिस्से को पूरी दुनिया को बेल्ट से बांधी दिखाई गई है।
क्या है इस मेस का इतिहास?
इण्टरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने पहली बार साल 2003 में इस मेस को दुनिया से अवगत कराया। इस साल से आइसीसी पुरुषों की टेस्ट टीम रैंकिंग में नंबर एक के रूप में रहने वाली टीमों को इस मेस को प्रदान करते हुए उन्हें सम्मानित किया जाने लगा। इसके बाद साल 2019 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हुई। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत के बाद न्यूजीलैंड टीम साल 2021 में इस मेस को जीतने वाली पहली टीम बन गई।