Amarnath Yatra 2023: 5 लाख का बीमा, श्रीनगर-जम्मू से रात में हवाई सेवा; अमरनाथ यात्रा में इस बार क्या है खास

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Amarnath Yatra 2023 5 लाख का बीमा श्रीनगर-जम्मू से रात में हवाई सेवा; अमरनाथ  यात्रा में इस बार क्या है खास - Amarnath Yatra 2023 start from 1 of july 5  lakh

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)

अगले महीने से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा की पुख्ता तैयारियां की गई हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अमरनाथ यात्रा के दौरान जमीन से लेकर आसमान तक पैनी सुरक्षा व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।

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नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अगले महीने से अमरनाथ यात्रा शुरू  होने जा रही है। अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा की पुख्ता तैयारियां की गई हैं। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अमरनाथ यात्रा के दौरान जमीन से लेकर आसमान तक पैनी सुरक्षा व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए रात में भी श्रीनगर और जम्मू से हवाई सेवा उपलब्ध कराने को कहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दो महीने तक चलने वाली यात्रा के लिए की जा रही सुरक्षा तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की।

शाह ने बैठक के दौरान कहा कि मोदी सरकार की यह प्राथमिकता है कि अमरनाथ यात्रियों को सुगमता से दर्शन हों और उन्हें किसी समस्या का सामना न करना पड़े। समीक्षा के दौरान शाह ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए है जिससे किसी भी हादसे को होने से रोका जा सके।

शाह ने केंद्र सरकार, सेना और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया। दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त तक जारी रहेगी।

बता दें कि तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर में दो मार्गों बालटाल और पहलगाम से यात्रा करते हैं। बैठक में बताया गया है कि सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड (RFID card) दिए जाएंगे ताकि उनकी वास्तविक वर्तमान स्थिति (रियल टाइम लोकेशन) का पता लगाया जा सके और सभी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले प्रत्येक जानवर के लिए 50,000 रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा।

गृह मंत्री अमित शाह ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से तीर्थस्थल आधार शिविर तक के मार्ग पर सुचारू व्यवस्था करने पर जोर दिया और श्रीनगर और जम्मू से रात में हवाई सेवा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है।

बैठक के दौरान गृह मंत्री ने ऑक्सीजन सिलेंडरों का पर्याप्त भंडार और उनकी रिफिलिंग सुनिश्चित करने का और डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमों की उपलब्धता के लिए कहा है। उन्होंने किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

शाह ने तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा, ठहरने, बिजली, पानी, संचार और स्वास्थ्य सहित सभी आवश्यक सुविधाओं की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने तीर्थाटन मार्गों पर बेहतर संचार व्यवस्था सुनिश्चित करने और भूस्खलन की स्थिति में मार्गों को तुरंत खोलने के लिए मशीनों की तैनाती के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि पिछले साल 3.45 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे और इस साल यह संख्या 5 लाख के पार जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि किसी भी संभावित प्राकृतिक हादसे के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने श्रद्धालु शिविरों के लिए उपयुक्त जगहों की पहचान शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि पिछले साल भारी बारिश के कारण पवित्र गुफा के पास अचानक आई बाढ़ से 16 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक, पवित्र गुफा के ऊपरी हिस्से में हिमनदीय घटनाओं और झीलों के निर्माण का पता लगाने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से हवाई निरीक्षण करवाए जाने की भी संभावना है। हिमनदीय घटनाओं और झीलों के निर्माण की वजह से निचले भाग में अचानक बाढ़ आने की आशंका बढ़ जाती है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले साल जून में अचानक आई बाढ़ के बाद ही हवाई निरीक्षण करवाया गया था, लेकिन इस बार यात्रा शुरु होने से पहले और ‍दो महीने की तीर्थयात्रा के दौरान नियमित अंतराल पर यह अभ्यास किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि रिमोट सेंसिंग और उपग्रह, जल विज्ञान और आपदा प्रतिक्रिया में विशेषज्ञता वाली टीम द्वारा हवाई सर्वेक्षण किया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि पानी का खतरनाक जमाव दिखने पर पूरे तीर्थ यात्रा मार्ग, खासतौर पर अमरनाथ गुफा के पास के क्षेत्र में आकस्मिक उपाय किए जाएंगे। अमरनाथ गुफा को जाने वाले दोनों मार्गों-बालटाल और पहलगाम पर भारी बर्फ मौजूद है और सीमा सड़क संगठन (BRO) को 15 जून तक बर्फ हटाने का काम सौंपा गया है।

अमरनाथ में तीर्थयात्रियों को अनाज, दालें, हरी सब्जियां, टमाटर, साग, न्यूट्रेला सोया चंक्स, प्लेन दाल, सलाद, फलसादा चावल, जीरा चावल, खिचड़ी और न्यूट्रेला चावल, रोटी (फुलका), दाल रोटी, मिस्सी रोटी, मक्की की रोटी, तंदूरी रोटी, ब्रेड, कुलचा, डबल रोटी, रस, चॉकलेट, बिस्कुट, रोस्टेड चना, गुड़, सांबर, इडली, उत्तपम, पोहा, सब्जी वाला सैंडविच (क्रीम, मक्खन और पनीर के बिना), ब्रेड जैम, कश्मीरी नान आदि परोसे जाएंगे।

वहीं, पेय पदार्थों में हर्बल चाय, कॉफी, लो फैट दही, शरबत, लेमन स्क्वाश/पानी, लो फैट दूध, फ्रूट जूस, सब्जियों वाला सूप, मिनरल पेयजल, ग्लूकोज (स्टैंडर्ड पैक्ड फार्म) उपलब्ध होंगे।

यात्रा के दौरान किसी भी तरह का मांसाहारी भोजन पूरी तरह से बैन होगा। वहीं शराब, तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, धूम्रपान आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा पूड़ी भटूरा, पिज्जा, बर्गर, स्टफ्ड पराठा, डोसा, फ्राइड रोटी, मक्खन के साथ ब्रेड, क्रीम आधारित भोजन, अचार, चटनी, फ्राइड पापड़, चाऊमीन व अन्य तरह के फ्राइड और फास्ट फूड आदि का जायका आप यहां नहीं ले पाएंगे। डीप फ्राइड, हलवा, जलेबी, गुलाब जामुन, लड्डू खोया बर्फी, रसगुल्ला जैसे खाने के आइटम ले जाने पर भी मनाही होगी।

 

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