



विनीत माहेश्वरी(संवाददाता)
गंगानगर में कानपुर-वाराणसी हाईवे पर राहगीरों से लूटपाट करने वाले गिरोह के चार अपराधियों को एसओजी ने गिरफ्तार किया है। वे नशे की लत और शौक पूरे करने के लिए अपराधी बन गए।
इनके कब्जे से कई मोबाइल फोन और नकदी समेत बाइक तथा अवैध हथियार बरामद हुए। इनके अन्य साथियों की तलाश में पुलिस टीम छापेमारी कर रही है। पिछले एक महीने के दौरान ही थरवई और सोरांव के बीच हाईवे पर रात में लूट-छिनैती की आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं हो चुकी थीं।
यूपीआइ के जरिए करते थे खरीददारी
इस गिरोह के बदमाश मोबाइल छीनकर पेटीएम और गूगल पे का पासवर्ड भी पूछ लेते थे। फिर लूटे गए मोबाइल से यूपीआइ के जरिए खरीदारी करते और गाड़ी में पेट्रोल भरवाते। डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती ने बताया कि लुटेरों को दबोचने के लिए एसओजी को भी लगाया गया था।
तमंचा व देशी बम बरामद
गुरुवार दोपहर एसओजी और पुलिस टीम ने हाईवे स्थित कादीपुर पुलिया के नीचे गिरोह के चार अपराधियों को पकड़ लिया। उनके कब्जे से पांच बाइक, तमंचा, कारतूस, दो चाकू, पांच देशी बम, 12 मोबाइल फोन बरामद किए गए।
बरामद एक बाइक चोरी की है जिसका मुकदमा उतरांव थाने में दर्ज कराया गया था। पकडे गए लुटेरों में फूलपुर के भुलई का पूरा निवासी अंकित धुरिया, वीरकाजी गांव के शिवम कुमार भारतीय, बसंत लाल उर्फ रज्जन, आकाश कुमार रजक शामिल हैं।
इन सभी से पूछताछ की गई तो पता चला कि इन चारों ने केवल कक्षा छह या आठ तक पढ़ाई की थी। गलत संगत में पड़कर शराब, गांजा और स्मैक का नशे करने लगे थे। नशे के पैसों के लिए छिनैती-चोरी में लिप्त हो गए।
यह था लूटने का तरीका
डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती ने बताया कि अंकित और शिवम समेत चारों युवक रात आठ से 11 के बीच दो बाइक पर हाईवे पर निकलते थे। सुनसान में किसी बाइक को ओवरटेक कर रोकते और तमंचा-चाकू सटाकर धमकाने के बाद लूट लेते थे। वे ज्यादातर मोबाइल फोन और नकदी ही लूटते थे। लूटा गया मोबाइल कुछ पैसों में बेच देते थे।
दो सिपाही भी बने शिकार
इस गिरोह ने दो सिपाहियों को भी लूटा था। एक सिपाही सिविल पुलिस का था जो कानपुर से यहां गांव आकर शादी में जा रहा था तभी बाइक रोककर उससे पैसे और मोबाइल लूट लिया। दूसरा सिपाही आरएएफ का था। उन दोनों ने केस नहीं दर्ज कराया था।