



प्रियंका कुमारी(संवाददाता)
केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (ABPM-JAY) का लाभ बड़ी संख्या में लोग ले रहे हैं। इस योजना के तहत अब तक 61,501 करोड़ रुपये का मुफ्त इलाज प्रदान किया गया जा चुका है। इसके साथ ही इस योजना ने 5 करोड़ लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की उपलब्धि हासिल की है। बता दें, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) द्वारा कार्यान्वित की जा रही प्रमुख योजना 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का हेल्थ कवर प्रदान करती है।
करोड़ों लाभार्थियों की मदद
एनएचए ने कहा, “आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्राप्त करने की दृष्टि से लॉन्च किया गया था। अपने पांचवें वर्ष में यह योजना गरीब और कमजोर परिवारों के करोड़ों लाभार्थियों को चिकित्सा उपचार के लिए आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च को कम करके मदद कर रही है। लगातार प्रयासों ने इस वर्ष में PM-JAY के लिए कई उपलब्धियां हासिल करने में मदद की है।”
योजना की उपलब्धियां
उन्होंने कहा, “योजना के लाभार्थियों को 9.28 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी करने से लेकर 100 प्रतिशत आवंटित धन का उपयोग करने और 1.65 करोड़ अस्पताल में भर्ती होने का अधिकार प्राप्त करने तक, वर्ष 2022-23 योजना के लिए उपलब्धियों से भरा रहा है।” यह योजना दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को छोड़कर 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है।
आयुष्मान कार्ड प्राप्त करने वालों में 49 प्रतिशत महिलाएं
बयान के मुताबिक, आयुष्मान कार्ड प्राप्त करने वालों में लगभग 49 प्रतिशत महिलाएं हैं। योजना के तहत कुल अधिकृत अस्पताल में प्रवेश का 48 प्रतिशत से अधिक महिलाओं द्वारा लाभ उठाया गया है। इसके अलावा, पीएम-जेएवाई के तहत 141 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाएं विशेष रूप से महिलाओं के लिए निर्धारित हैं।
अब तक 23.39 करोड़ लाभार्थियों को जारी किए गए आयुष्मान कार्ड
योजना के तहत अब तक 23.39 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि ABPM-JAY के तहत लाभार्थियों को को-ब्रांडेड पीवीसी आयुष्मान कार्ड जारी किए जाते हैं। PM-JAY के पैनल में देशभर में 28,351 अस्पताल हैं, इनमें 12,824 निजी अस्पताल भी शामिल हैं। वर्ष 2022-23 के दौरान कुल एडमिशन में से लगभग 56 प्रतिशत (राशि के हिसाब से) निजी अस्पतालों में, जबकि 44 प्रतिशत दाखिले सरकारी अस्पतालों में अधिकृत किए गए हैं।