



तन्नू कश्यप(संवाददाता)
एस एंड पी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज की परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जारी हो गया है, जिसमें बीते महीने विस्तार की धीमी दर देखने को मिली। मार्च में भारत के सर्विस सेक्टर की विकास दर 57.8 फीसद हो गई, जो फरवरी में 59.4 फीसद के साथ अपने उच्चतम स्तर पर थी। यह कमी सितंबर 2020 के बाद से इनपुट लागत मुद्रास्फीति के सबसे निचले स्तर पर आ गई।बता दें कि S&P Global India Services PMI को S&P Global द्वारा लगभग 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के एक पैनल को भेजी गई प्रश्नावली के जवाबों से संकलित किया गया है।एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक, पॉलियाना डे लीमा ने कहा, “भारत का सर्विस सेक्टर 2022-23 वित्तीय तिमाही के अंत में नए व्यापार सेवा और उत्पादन में और वृद्धि के साथ बना हुआ है। हालांकि, विनिर्माण ने विकास के मुख्य चालक के रूप में फिर से वापसी की है।”
20वें महीने रहा 50 के ऊपर आंकड़ा
मार्च में वृद्धि में कमी आने के बावजूद यह लगातार 20वां महीना था, जब सर्विस सेक्टर का 50 की सीमा से ऊपर था। परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के अनुसार 50 से ऊपर के प्रिंट का मतलब विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है। दूसरी तरफ, मार्च में निजी क्षेत्र की बिक्री लगातार 12वें महीने बढ़ी। सर्वेक्षण में कहा गया है कि फरवरी से नरमी के बावजूद विस्तार की समग्र गति तेज थी।
नए रोजगार के कम अवसर
सर्वेक्षण में कहा गया है कि लगातार 10वें महीने बढ़ने के बावजूद सेवा रोजगार मार्च में केवल आंशिक रूप से बढ़ा है और करीब 98 प्रतिशत सर्विस कंपनियों ने कर्मचारियों के स्तर के बीच पेरोल संख्या में कोई बदलाव नहीं किया है। साथ ही, समग्र स्तर आठ महीने के निचले स्तर तक गिर गया है, क्योंकि कई फर्मों को वर्तमान स्तर से गतिविधि में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद है। माल उत्पादकों और सेवा प्रदाताओं में निरंतर वृद्धि के बीच मार्च में निजी क्षेत्र की बिक्री लगातार 12वें महीने बढ़ी है