



तन्नू कश्यप (संवाददाता )
लंदन में दिए गए राहुल गांधी के बयान और अडाणी समूह मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार के कारण लगातार छठे दिन भी संसद में कोई कामकाज नहीं हो पाया। हंगामे की वजह से आज सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि इन्ही मसलों पर हंगामे के कारण पिछले सप्ताह भी दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू ढंग से नहीं चल पाई थी।सोमवार को भी सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में दोनों पक्षों की तरफ से हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को बात कर संसद चलने देने का रास्ता भी निकालने की गुजारिश की। वे लगातार प्रश्नकाल चलने देने की अपील करते रहे, लेकिन हंगामा लगातार जारी रहने पर उन्होंने लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।वहीं, सुबह जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उन्हें 14 नोटिस मिले हैं। इनमें से 9 नोटिस कांग्रेस सदस्यों के थे। सभापति ने कहा कि कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रंजीत रंजन, कुमार केतकर, सैयद नासिर हुसैन सहित कुछ अन्य सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता पर नोटिस दिया है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और वाम दलों के विनय विस्वम और एलामारम करीम ने भी अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर नोटिस दिए थे। सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए सभापति ने शून्यकाल शुरू किया और इसके तहत आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का नाम पुकारा। इस बीच, सदन में हंगामा और शोरगुल शुरू हो गया। सत्ता पक्ष के सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगों’ के नारे लगा रहे थे, जबकि विपक्षी सदस्य अडाणी मुद्दे को लेकर सरकार पर आक्षेप लगा रहे थे।
हंगामा होता देख जगदीप धनखड़ ने 11 बजकर 8 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तके लिए स्थगित कर दी। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही बीजेपी के सदस्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं।
विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण पिछले सप्ताह उच्च सदन में ना तो प्रश्नकाल और ना ही शून्यकाल हो सका था। इस दौरान कोई अन्य अहम कामकाज भी नहीं हो सका।