



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cancer Day 2023: कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसके मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। खान-पान के प्रति लापरवाही और हमारी खराब आदतों की वजह से यह गंभीर बीमारी तेजी से फैलती जा रही है। बच्चों से लेकर बड़ों तक कोई भी इस बीमारी की चपेट में आ सकता है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका वक्त रहते इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा तक साबित हो सकती है। जानलेवा बीमारी होने के बावजूद कैंसर को लेकर आज भी लोगों के बीच जागरूकता की कमी नजर आती है। ऐसे में लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करने के मकसद से हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। बीते कुछ समय से यह बीमारी भारत में गंभीर रूप लेती जा रही है। ऐसे में कैंसर डे के मौके पर जानें छह तरह के कैंसर के बारे में, जो भारत में आम है।भारत में आम ये छह कैंसर भारत में इन आम कैंसर के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने बात की मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज की मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की वरिष्ठ निदेशक डॉक्टर मीनू वालिया से। डॉक्टर मीनू बताती हैं कि आंकड़ों के मुताबिक 9 में से एक भारतीय को अपने जीवन काल में कैंसर होगा। साल 2015 की तुलना में 2025 में भारत में कैंसर के आंकड़े कुल 31.4 फीसदी तक बढ़ जाएंगे। डब्ल्यूएचओ और आईएआरसी की विश्व कैंसर रिपोर्ट के अनुसार, भारत में छह सबसे आम कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर, ओरल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, लंग कैंसर, पेट का कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर हैं। कैंसर के ये मिलकर कैंसर के सभी नए मामलों का 49% हिस्सा हैं।कैंसर के कारणकैंसर का मुख्य कारणों में जीवनशैली के कारक जैसे कि धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा, आहार आदि शामिल हैं। धूम्रपान सभी प्रकार के कैंसर के लगभग 20% से 30% के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इसके बाद शराब का सेवन और मोटापा कैंसर का प्रमुख कारण है। कैंसर के मुख्य कारण निम्न हैं-
- तंबाकू का सेवन
- पारिवारिक इतिहास
- शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना और एक्सरसाइज न करना।
- जंक, प्रोसेस्ड, तला-भुना और नमकीन फूड्स का अधिक सेवन
- शरीर का अधिक वजन कई तरह के कैंसर क प्रमुख कारक सकता है।
- सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट और यूवी रेज, जो त्वचा के कैंसर का कारण बनती हैंकैंसर के मुख्य लक्षण
- लगातार खांसी होना
- त्वचा में गांठ महसूस होना
- बिना किसी वजह के ब्लीडिंग होना
- स्किन पीली, काली या लाल हो जाना
- रात में पसीना और लगातार बुखार आना
- शरीर में काफी ज्यादा थकान महसूस होना
- शरीर के किसी हिस्से में लगातार दर्द रहना
- मल या यूरिन पास करने के दौरान खून निकलना
- बिना किसी मेहतन या डाइटिंग के वजन कम होना
- कुछ भी खाने-पीने के समय निगलने में कठिनाई होना कैंसर से बचावकैंसर से बचाव के बारे में बात करते हुए डॉक्टर मीनू कहती हैं कि यह समझना बेहद जरूरी है कि कैंसर आनुवांशिकी के बजाय जीवनशैली से अधिक जुड़ी बीमारी है। यह अनुमान लगाया गया है कि जोखिम कारकों को नियंत्रित करके दुनिया भर में कैंसर के 35-50% मामलों को रोका जा सकता है। ऐसे में समय की मांग है कि हम सही जीवन शैली विकल्पों का चुनाव करें, जो हमें कैंसर को दूर रखने में मदद कर सकता है।