



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश किया है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के इस आखिरी पूर्ण बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। बजट पेश होने के दौरान ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई। उन्होंने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपाई बजट, महंगाई और बेरोजगारी दोनों को और बढ़ाते हैं। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट महंगाई व बेरोजगारी को और बढ़ाते हैं। किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है, क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है।”
वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बजट में कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एक योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के लिए अगले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीएम-पीवीटीजी) विकास मिशन को लागू किया जाएगा। इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
वित्त मंत्री ने घोषणा की, “विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम-पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को स्थायी आजीविका, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सड़क और दूरसंचार संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बजट में कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एक योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के लिए अगले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीएम-पीवीटीजी) विकास मिशन को लागू किया जाएगा। इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
वित्त मंत्री ने घोषणा की, “विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम-पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को स्थायी आजीविका, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सड़क और दूरसंचार संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।