Nepal: भारत के साथ नेपाल का संबंध बेटी-रोटी का, जनकपुर जानकी मंदिर के महंत ने भारत सरकार के प्रति जताया आभार

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Nepal: भारत के साथ नेपाल का संबंध बेटी-रोटी का, जनकपुर जानकी मंदिर के महंत  ने भारत सरकार के प्रति जताया आभार - Mahant of Janakpur Janaki Temple  expressed gratitude towards ...

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )

जानकी मंदिर जनकपुर धाम के महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव ने कहा कि भारत और नेपाल का संबंध अटूट हैं। भारत के साथ नेपाल का संबंध बेटी – रोटी का हैं। यह संबंध सदियों पुराना है। भारत शरीर और नेपाल प्राण हैं।

जानकी मंदिर जनकपुर धाम के महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव ने कहा कि भारत और नेपाल का संबंध अटूट हैं। भारत के साथ नेपाल का संबंध बेटी – रोटी का हैं। यह संबंध सदियों पुराना है। भारत शरीर और नेपाल प्राण हैं।

महंत शनिवार की रात काली गंडकी से जनकपुर पहुंचे। इस दौरान शालिग्राम शिलायात्रा के मंदिर परिसर में स्वागत करने के बाद दैनिक जागरण के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह संबंध और अधिक मजबूत होगा। महंत ने भारत सरकार और श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के प्रति आभार जताया। जिन्होंने अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति के निर्माण के लिए शालिग्राम पत्थर देने की जिम्मेदारी सौंपी।

उन्होंने आगे कहा कि नेपाल की सरकार ने उक्त पत्थर जनकपुर धाम मंदिर को सौंपी। जिसे लेकर वह अयोध्या जा रहे हैं।

महंत ने कहा कि हम त्रेता युग की पुनरावृति एक बार फिर से कर रहे हैं। यह वक्त प्रभु श्रीराम को याद करने और उत्सव मनाने का हैं। उन्होंने कहा कि हम भगवान श्रीराम को दामाद के रुप में पूजते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी जब जनकपुर आए थे तो महंत जी ने पूछा था कि आप जनकपुर को किस रूप में देखते हैं। जबाव में पीएम मोदी ने कहा था वह अपने ननिहाल में आए हैं। इसके पूर्व काली गंडकी से सैकड़ों किमी की यात्रा तय कर शालिग्राम शिलायात्रा रात पौने 12 बजे जनकपुर धाम मंदिर में पहुंचीं। जहां शिलायात्रा में शामिल लोगों का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।

 

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