



नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति द्वारा शिकायत के मामले में बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर पुलिस ने क्लीनचिज दे दी है। नागपुर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी वीडियो में देखने पर इसमें स्पष्ट हुआ है कि इसमें धर्म के प्रचार से जुड़ी सामग्री है।
विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति द्वारा शिकायत के मामले में बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर पुलिस ने क्लीनचीट दे दी है। नागपुर पुलिस ने जांच के बाद अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को लिखित जवाब भेजा है।
अंधश्रद्धा नहीं फैला रहे धीरेंद्र शास्त्री: पुलिस
नागपुर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी कि वीडियो में देखने पर इसमें स्पष्ट हुआ है कि इसमें धर्म के प्रचार से जुड़ी सामग्री नहीं है। वहीं, इसमें अंधश्रद्धा जौसी कोई चीज नजर नहीं आ रही है। दरअसल, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लोगों की समस्याओं को उससे बिना पूछे कागज पर लिख देते हैं और बिना बताए ही लोगों के मन की बात भी जान लेते हैं। यह दावा लाखों की संख्या में मौजूद धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री के भक्त करते आए हैं।
समिति ने बाबा पर धोखेधाड़ी का लगाया था आरोप
कुछ दिनों पहले नागपुर में उन्होंने श्रीराम कथा के साथ अपना दिव्य चमत्कारी दरबार लगाया था। रामकथा 13 जनवरी तक आयोजित होने वाली थी, लेकिन महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की शिकायत की वजह से कथा 11 जनवरी तक ही चल सकी। समिति ने आरोप लगाया था कि धीरेंद्र शास्त्री जादू-टोना और अंधश्रद्धा फैलाते हैं। समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा कि ‘दिव्य दरबार’ और ‘प्रेत दरबार’ की आड़ में बाबा जादू टोना को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके अलावा, घर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने,ल धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है।
समिति ने बाबा को दिया था चैलेंज
इतना ही नहीं समिति के संस्थापक श्याम मानव अपने द्वारा दूसरे कमरे में रखी गई 10 वस्तुओं की जानकारी देने का चैलेंज और उसके पूरा होने पर 30 लाख रूपए दिए जाने का चैलेंज दिया गया। हालांकि, बाबा ने चैलेंज को स्वीकार कर लिया है। धीरेंद्र शास्त्री का मानना है कि वो कोई चमत्कार नहीं करते हैं, उनपर भगवान हनुमान जी की आशीर्वाद है।