भारतीय बैंकों का कुल फंसा कर्ज सितंबर में घटकर 5 फीसदी पर : आरबीआई

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main points of RBI monetary policy and what experts say - आरबीआई की मौद्रिक नीति की मुख्य बातें और जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)

नई दिल्ली, 28 दिसंबर भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए अच्छी खबर है। बैंकों की सकल
गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) यानी फंसे कर्ज का आकार घटकर सितंबर में 5 फीसदी पर
आ गया है, लेकिन मौजूदा वृहद-आर्थिक हालात कर्जदाताओं की सेहत पर असर डाल सकते हैं। रिजर्व
बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
आरबीआई की मंगलवार को वित्त वर्ष 2021-22 की 'भारत में बैंकिंग के रुझान एवं प्रगति' पर जारी
रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में बैंकों का जीएनपीए घटकर कुल परिसंपत्तियों के 5 फीसदी पर आ गया
है। दरअसल वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा करने के बाद यह उच्चतम
स्तर पर पहुंच गया था।
रिर्पोट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के अंत में बैंकों का जीएनपीए 5.8 फीसदी पर रहा था। इस
दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्जों को बट्टा खाते में डालना जीएनपीए में आई गिरावट की बड़ी
वजह रही, जबकि निजी बैंकों के मामले में कर्जों को अपग्रेड करने से हालात बेहतर हुए। हालांकि,
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बैंकों के उलट विदेशी बैंकों का जीएनपीए वित्त वर्ष 2021-22 में 0.2
फीसदी से बढ़कर 0.5 फीसदी हो गया।

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