



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)
जयपुर, 25 दिसंबर । चार दिवसीय एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया (एसिकॉन) की 51 वीं
वार्षिक कांफ्रेंस का आज यहां समापन हो गया।
गत 21 दिसंबर से राजधानी जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित इस कांफ्रेंस में एंडोक्राइन
की डायबिटीज और थायराइड जैसी गंभीर डिजीज को लेकर मंथन किया गया। एसिकॉन के आयोजन
सचिव संजय सारण ने बताया कि समापन पर पोस्टर, ओरल पेपर और क्विज के अवॉर्ड्स के अलावा
कई चिकित्सकों को सर्टिफिकेट और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। एसिकॉन की अगली कांफ्रेस
अगले वर्ष हैदराबाद में आयोजित की जायेगी।
डॉ. सैलेश लोढ़ा ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में देश विदेश के दो हजार से ज्यादा दिग्गज
एंडोक्राइनोलॉजिस्ट ने हिस्सा लिया। इसके अलावा देश विदेश से आए चिकित्सकों ने 250 से ज्यादा
लेक्चर्स दिये। कांफ्रेंस में डायबिटीज, ओस्टोप्रॉसेस, पीयूष ग्रंथि, मोटापा और बच्चों में क्रोध की
समस्याओ को लेकर चर्चा की गई। सीनियर और एक्सपर्ट्स एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और रिसर्चर्स ने
एसिकॉन के मंच से उम्मीद जताई कि आने वाले समय में डायबिटीज का परमानेंट इलाज जल्द
संभव होगा साथ ही हम इस बीमारी को रिवर्स भी कर सकेंगे।
डॉ.प्रकाश केसवानी ने बताया कि डायबिटीज और थायराइड की नई दवाइयां भी बाजार में जल्द
आएंगी जो इस बीमारी के एडवांस इलाज में कारगर साबित होंगी। कांफ्रेंस में सीनियर और एक्सपर्ट्स
एंडोक्राइनोलॉजिस्ट ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ संजय सारण ने अंत में कांफ्रेंस में आए सभी
एंडोक्राइनोलॉजिस्ट को धन्यवाद दिया।