उत्तर कोरिया ने पूर्वी तट पर दो बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया

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उत्तर कोरिया ने पूर्वी तट पर बैलिस्टिक मिसाइल दागी - north korea fires ballistic  missile off east coast

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )

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सियोल, 18 दिसंबर  उत्तर कोरिया ने रविवार को अपने पूर्वी तट की तरफ दो बैलिस्टिक
मिसाइलें दागीं, जो बीते एक महीने में हथियारों का उसका पहला परीक्षण है।
उत्तर कोरिया ने दो दिन पहले मुख्य अमेरिकी भूभाग तक मार करने में सक्षम एक शक्तिशाली
अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) बनाने के लिए आवश्यक अहम परीक्षण करने का
दावा किया था।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि उनकी सेना ने उत्तर कोरिया द्वारा उसके
उत्तर-पश्चिमी तोंगचांगरी इलाके से दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागे जाने का पता लगाया है। मिसाइलों ने
उत्तर कोरिया के पूर्वी समुद्र की ओर उड़ान भरी।
तोंगचांगरी इलाके में उत्तर कोरिया का सोहेए उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र स्थित है, जहां देश अतीत में उपग्रह
ले जाने वाले लंबी दूरी के कई रॉकेट का प्रक्षेपण कर चुका है।
दक्षिण कोरियाई अधिकारी ने बताया कि मिसाइलें करीब 50 मिनट के अंतराल पर दागी गईं, लेकिन
उन्होंने अन्य जानकारियां नहीं दीं, जैसे कि उत्तर कोरिया ने किस तरह के हथियारों का परीक्षण किया
और उन्होंने कितनी दूर उड़ान भरी।
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि दक्षिण कोरियाई सेना ने अपनी निगरानी मजबूत की है और
वह अमेरिका के साथ करीबी समन्वय बनाए रखे हुए हैं।
जापानी अधिकारियों ने भी कहा कि उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा दो मिसाइलें दागे जाने का पता
लगाया है। जापान के तटरक्षक बल ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से दागी गई मिसाइलें जापान
और कोरियाई प्रायद्वीप के बीच समुद्र में गिरीं। अधिकारियों ने बताया कि दोनों मिसाइलें जापान के
विशेष आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरीं।
बृहस्पतिवार को सोहेए केंद्र में उत्तर कोरिया ने एक नए सामरिक हथियार ‘हाई-थ्रस्ट सॉलिड-फ्यूल
मोटर’ का परीक्षण किया था। इससे उत्तर कोरिया को अमेरिका के मुख्य भूभाग पर हमला करने के
लिए एक बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में मदद मिल सकती है।
हालांकि, अभी यह पता नहीं चल सका है कि क्या रविवार को हुआ परीक्षण सोहेए केंद्र से किया
गया। यह पिछले महीने लंबी दूरी की हवासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल
(आईसीबीएम) के परीक्षण के बाद से उत्तर कोरिया द्वारा हथियारों का पहला सार्वजनिक परीक्षण है।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने हथियारों का परीक्षण तेज कर रहा है, ताकि वह
उस पर लगे प्रतिबंधों में राहत पाने एवं अन्य छूट लेने के लिए अमेरिका पर दबाव बना सके।

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