



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
कोलकाता, 18 दिसंबर इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया
(आईएसडब्ल्यूएआई) ने कहा कि कराधान की उच्च दरों से मादक पेय (एल्कोबेव) क्षेत्र को भारी
नुकसान हो रहा है और देश में शराब उद्योग का भविष्य खतरे में पड़ गया है।
देश में एल्कोबेव उद्योग के शीर्ष निकाय आईएसडब्ल्यूएआई ने कहा कि उत्पाद की कीमतों में करों
का हिस्सा 67 से 80 प्रतिशत है, जिससे व्यापार को जारी रखने और कामकाज का प्रबंधन करने के
लिए बहुत कम बचत होती है।
आईएसडब्ल्यूएआई की सीईओ नीता कपूर ने कहा, ”भारतीय एल्कोबेव उद्योग मुद्रास्फीति और उच्च
कराधान दरों के कारण गहरे संकट में है। इस लिहाज से क्षेत्र को बचाने के लिए करों को कम करने
और उत्पाद की कीमतें बढ़ाने की जरूरत है।”
कपूर ने कहा कि अन्य उद्योगों के विपरीत शराब उद्योग को उत्पादों की कीमत तय करने की
आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्च कर दरों को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
आईएसडब्ल्यूएआई के अनुसार भारतीय एल्कोबेव उद्योग 55 अरब अमेरिकी डॉलर के अनुमानित
कारोबार के साथ 15 लाख लोगों को रोजगार देता है।