गुजरात चुनाव: भाजपा अब तक की सबसे बड़ी जीत की ओर

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विनीत माहेश्वरी (संवाददाता) 

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अहमदाबाद, 08 दिसंबर गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को जारी
मतगणना के शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी बढ़त हासिल करती
दिख रही है। वह अब तक 149 सीटों पर जीत के कांग्रेस के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के रिकॉर्ड की ओर बढ़
रही है।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा आंकड़ों के रुझानों में भाजपा 149 सीटों पर आगे
है। कांग्रेस ने 1985 के चुनाव में माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में 149 सीटें जीती थी। राज्य
विधानसभा के चुनाव में किसी भी दल द्वारा जीती गई सीटों की यह सर्वाधिक संख्या है। अभी तक
यह एक रिकार्ड है।
भाजपा राज्य में लगातार सातवीं विधानसभा चुनाव जीत की ओर अग्रसर हो रही है। साल 1995 से
उसने राज्य के सभी विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है।
रुझानों के मुताबिक कांग्रेस 19 और आम आदमी पार्टी (आप) नौ सीटों पर आगे चल रही है।
पोरबंदर जिले की कुटियाना सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ने बढ़त बना रही है वहीं धनेरा,
वागोडिया, संतरामपुर औी डीसा में निर्दलीय उम्मीवार आगे हैं।

शुरुआती रुझानों में भाजपा और आप बढ़त हासिल करते दिख रहे थे लेकिन जैसे-जैसे मतगणना के
रुझान आगे बढ़े दोनों दल पीछे होते चले गए और भाजपा बढ़त हासिल करती रही।
भाजपा के कई विधायक शुरुआती रुझानों में आगे चल रहे हैं। इनमें जीतू वाघानी, हार्दिक पटेल,
पूर्णेश मोदी, कनुभाई देसाई और कई अन्य चर्चित चेहरे शामिल हैं।
आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी खम्भालिया विधानसभा सीट से
आगे हैं। जमजोधपुर, देडियापारा, धारी, व्यारा, बोताड, भिलोदा, गरियाधर और लिंबायत और कुछ
अन्य सीटों पर भी आप के उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं।
आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया सूरत के कतरगाम सीट पर पीछे हैं। वराछा रोड से आप के
उम्मीदवार अल्पेश कथीरिया भी पीछे हैं।
अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक भाजपा को 53.62 प्रतिशत मत मिलते दिख रहे हैं जबकि कांग्रेस
को 26.57 और आप को 12.80 प्रतिशत।
इस महीने की शुरुआत में हुए दो चरणों के चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस और आप के प्रदर्शन पर
अधिक नजरें हैं। दोनों दल राज्य में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा हासिल करने के लिए संघर्ष में उलझी
हुई दिख रही हैं।
कांग्रेस से 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव के अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद नहीं
थी, लेकिन आप के अच्छे प्रदर्शन से उसके नेता अरविंद केजरीवाल को 2024 में होने वाले संसदीय
चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में अपनी जगह पक्की करने में मदद
मिलती।
मोदी सरकार बढ़ती महंगाई, धीमी वृद्धि और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जूझ रही है, लेकिन आर्थिक
परेशानियों से गुजरात में भाजपा की लोकप्रियता में सेंध लगने की संभावना नहीं है। गुजरात दशकों
से भाजपा का गढ़ रहा है। मोदी 2001 से 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री थे।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना राज्य के 37 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा और भारत
निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बृहस्पतिवार सुबह शुरू हुई।
‘आप’ के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, जिससे कांग्रेस की परेशानी बढ़ी
हुई है।

गुजरात में बहुमत के लिए कुल 182 सीट में से किसी भी पार्टी को 92 का आंकड़ा छूना होगा।
चुनाव बाद के सर्वेक्षणों में भाजपा के आसान जीत दर्ज करने और लगातार सातवीं बार राज्य में
सरकार बनाने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
नई दिल्ली स्थित ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ के संजय कुमार ने कहा कि अगर
भाजपा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बहुमत हासिल कर लेती है तो इससे पार्टी का मनोबल काफी
बढ़ेगा।
भाजपा ने राज्य में 27 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी भावनाओं से जूझते हुए हाल का चुनाव
लड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पार्टी के लिए ‘तुरुप का इक्का’ थे और सत्तारूढ़ दल ने सत्ता विरोधी
लहर के मुकाबले के लिये ‘ब्रांड मोदी’ पर भरोसा किया।
चुनावों में प्रमुख मुद्दों में बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, राज्य के कुछ हिस्सों में पानी नहीं पहुंचना, बड़ी
परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और किसानों को अत्यधिक बारिश के कारण फसल क्षति का
उचित मुआवजा नहीं मिलना था।
इस बार मतदान प्रतिशत 2017 की तुलना में लगभग चार प्रतिशत कम हुआ। राज्य में 2017 में
68.39 प्रतिशत के मुकाबले इस बार सिर्फ 64.33 प्रतिशत मतदान हुआ।
साल 2017 में भाजपा ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थी।
भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो और एक सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के खाते में गई थी। तीन निर्दलीय
उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की थी।

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