



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
नई दिल्ली, 03 दिसंबर अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली की आवश्यकता को सुव्यवस्थित
करने के लिए, सरकार ने शुक्रवार को अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) शुल्कों की छूट
का आदेश दिया। नई पनबिजली परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली के प्रसारण पर आईएसटीएस शुल्क
लगाया जाता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ऐसी परियोजनाओं के चालू होने की तारीख से 18
साल के लिए इन शुल्कों को माफ कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया- सरकार ने मार्च 2019 में
पनबिजली परियोजनाओं को अक्षय ऊर्जा स्रोत घोषित किया था। हालांकि, सौर और पवन
परियोजनाओं को प्रदान किए गए अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क की छूट को पनबिजली परियोजनाओं
तक नहीं बढ़ाया गया था। इस विसंगति को दूर करने के लिए और जलविद्युत परियोजनाओं को एक
समान अवसर प्रदान करने के लिए, विद्युत मंत्रालय ने अब नई पनबिजली परियोजनाओं से बिजली
के प्रसारण पर आईएसटीएस शुल्क की छूट का विस्तार करने का फैसला किया है।