यूरोपीय संघ रूस से आने वाले तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल तय करने की तैयारी में

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रूसी तेल पर 'प्राइस कैप' को लेकर पुतिन सरकार का बड़ा बयान, इन देशों को नहीं  बेचेगा तेल! - Russia stops oil supply to countries backs US european union  price cap tlifws -

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता) 

ब्रसेल्स, 02 दिसंबर यूरोपीय संघ रूस से आने वाले तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल मूल्य
की सीमा तय करने की तैयारी कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य वैश्विक बाजारों में रूस से आने
वाली तेल की आपूर्ति को जारी रखने के साथ ही यूक्रेन युद्ध के लिए धन जुटाने की राष्ट्रीय
व्लादिमीर पुतिन की क्षमता को कमजोर करना है।
यूरोपीय संघ के राजनयिकों ने इस हालिया प्रस्ताव की पुष्टि की है। तेल की कम कीमत तय करने
के लिए सोमवार की समयसीमा निर्धारित की गई है।

रूस के कच्चे तेल के दाम इस हफ्ते 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चले गए थे। अब यूरोपीय संघ के
इसकी सीमा 60 डॉलर प्रति बैरल तय करने पर यह मौजूदा दाम के आसपास ही होगी। अंतरराष्ट्रीय
तेल मानक ब्रेंट क्रूड बृहस्पतिवार को 87 डॉलर प्रति बैरल था।
एक अधिकारी ने बताया कि दामों पर लगाम लगाना युद्ध को जल्द खत्म करने में मददगार होगा
जबकि यदि दाम की सीमा तय नहीं की जाती है तो यह रूस के लिए फायदे वाली बात होगी।
दरसअल रूस के लिए तेल वित्तीय राजस्व का एक बड़ा स्रोत है और निर्यात पाबंदियों समेत कई अन्य
प्रतिबंधों के बावजूद रूस की अर्थव्यवस्था इसी के बूते मजबूत बनी हुई है। रूस प्रतिदिन करीब 50
लाख बैरल तेल का निर्यात करता है।
तेल के दाम पर लगाम नहीं लगाने का वैश्विक तेल आपूर्ति पर बड़ा बुरा असर पड़ सकता है। इसके
अलावा, यदि रूस तेल का निर्यात रोक देता है तो दुनियाभर में ऊर्जा की कीमतें आसमान छूने
लगेंगी। हालांकि पुतिन पहले कह चुके हैं कि वह दाम की सीमा तय होने पर तेल नहीं बेचेंगे।

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