गुजरात चुनाव 2022: भाजपा की रणनीति में विपक्ष का चेहरा और चुनावी जीत का गणित

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Gujarat Elections 2022 Powerful Bjp And Why Is There No Competition For  Party In Gujarat - गुजरात चुनाव 2022: भाजपा की रणनीति में विपक्ष का चेहरा  और चुनावी जीत का गणित -

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता ) 

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अधिकारिक तौर पर अब तक का सबसे छोटा चुनाव प्रचार इस बार गुजरात में हुआ है। ये अवधि
रही महज 27 दिनों की। तीन नवंबर को ही तो चुनाव आयोग ने दो चरणों के मतदान का ऐलान
किया था और अब कल यानी एक दिसंबर को पहले चरण की वोटिंग भी हो रही है। 5 तारीख को
दूसरा चरण है और 8 दिसंबर को गुजरात व हिमाचल दोनों प्रदेशों के नतीजे आएंगे।
प्रत्याशियों की बात की जाए तो उन्हें इस साल के चुनावों में प्रचार का सबसे कम वक्त मिला है।
जबकि जाहिर तौर पर वो इस बार ज़्यादा वक्त चाह रहे थे। उसकी सबसे बड़ी वजह थी कि इस बार
गुजरात विधानसभा की सभी 182 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। आजतक कभी तीन बड़ी
पार्टियां इस तरीके से ट्रायंगुलर कॉन्टेस्ट में नहीं फंसी थी। बीजेपी बनाम कांग्रेस की लड़ाई में इस
बार आम आदमी पार्टी ने भी जोरदार लड़ंगी लगाई है।
इधर, जब मुकाबला कांटे का हो और ट्रायंगुलर भी हो तो जीत-हार के वोटों का फासला कम हो जाता
है और जब दो विपक्षी दल आपस में ही भिड़ रहे हों और किसी एक के भी पक्ष में जोरदार लहर न
हो तो, सत्तापक्ष के लिए रास्ता आसान हो सकता है, इसलिए कहा जा रहा है कि 2017 विधानसभा
चुनाव में सीट के हिसाब से सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाली बीजेपी 2022 में सीटों के लिहाज से
सबसे बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती है।

सीएम मोदी के नेतृत्व के बगैर 2017 में पहली बार बीजेपी लड़ी और पार्टी को करीब पचास फीसदी
(49.05 फीसदी) वोट आने के बावजूद मात्र 99 सीटें ही आईं यानी बहुमत से मात्र 8 ज्यादा, जबकि
कांग्रेस को 77 सीटें (41.44 फीसदी वोट शेयर) मिल गई थीं। इस साल तो आम आदमी पार्टी भी
मुकाबले में है और वो शहरी इलाकों खासकर सूरत, राजकोट, अहमदाबाद, बड़ौदा में बीजेपी को कड़ी
टक्कर दे सकती है क्योंकि इन जिलों में वो स्थानीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर बीजेपी और कांग्रेस
दोनों को परेशान कर चुकी है।

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