विशेषज्ञ टीम को श्री जगन्नाथ मंदिर के नाता मंडप के खंभे और बीम में दरारें मिलीं

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विनीत माहेश्वरी (संवाददाता ) 

पुरी, 28 नवंबर  श्री जगन्नाथ मंदिर के नाता मंडप की विशाल छत के भार को वहन
करने वाले खंभे और कैपिटल बीम में दरारें देखी गयी है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई) भुवनेश्वर सर्कल के अधीक्षक अरुण मलिक ने बताया कि एक
विशेषज्ञ टीम द्वारा निरीक्षण के दौरान यह दरारें देखी गयी जिसकी मरम्मत की जरूरत है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक उच्च स्तरीय तकनीकी टीम ने उच्च न्यायालय द्वारा
नियुक्त एमिकस क्यूरी के साथ रविवार को श्री जगन्नाथ मंदिर के नाटा मंडप के क्षतिग्रस्त हिस्से
का निरीक्षण किया था।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि नुकसान 2018 से पहले प्रकाश में आ गया लेकिन एएसआई द्वारा कोई
मरम्मत नहीं की गई थी, जो धर्मस्थल के संरक्षण के प्रभारी हैं। उड़ीसा उच्च न्यायालय ने श्री
जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत के लिए एएसआई की उपेक्षा पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एन

के मोहंती को एमिकस क्यूरी के रूप में नियुक्त किया था, जिन्होंने मंदिर का दौरा किया था और
तत्काल मरम्मत की आवश्यकता के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
उच्च न्यायालय ने एएसआई को आवश्यक मरम्मत कराने का निर्देश दिया था।
हालांकि, विशेषज्ञ टीम ने भार नापने वाली मशीन का उपयोग करके प्रत्येक खंभे और बीम पर भार
की गणना करने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करने का निर्णय लिया। सूत्रों ने कहा कि
इस काम में सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च सेंटर की सलाह ली जाएगी।
दरारों की स्थिति को रिकॉर्ड करने के लिए क्षतिग्रस्त हिस्से पर 2018 में स्थापित क्रैक मीटर दर्शाता
है कि यह अब तक चौड़ा नहीं हुआ है।
श्री मलिक ने कहा कि 12वीं सदी के श्री जगन्नाथ मंदिर के नाता मंडप और जगमोहन की मरम्मत
के लिए विस्तृत योजना दिल्ली, चेन्नई और बड़ौदा के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जा रही है। उन्होंने
कहा कि रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है और कोर कमेटी द्वारा इसकी मंजूरी के बाद मरम्मत का
काम शुरू किया जाएगा।
आईआईटी खड़गपुर को नाता मंडप और जगमोहन के जोड़ों पर पानी के रिसाव का अध्ययन करने
और एक स्थिति रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है। कोर कमेटी द्वारा अनुमोदन के बाद
रिपोर्ट डीजी, एएसआई को धन आवंटन के लिए भेजी जाएगी।
विशेषज्ञ दल का नेतृत्व एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक जे शर्मा, चेन्नई के आईआईटी चेन्नई के
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अरुण मेनन, एएसआई भुवनेश्वर सर्कल के अधीक्षक अरुम कुमार मलिक के
अलावा मंदिर प्रशासक ने किया।
एमिकस क्यूरी एनके मोहंती ने विशेषज्ञ टीम से चर्चा के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि एक महीने
के भीतर उच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी और एक साल के भीतर मरम्मत का काम पूरा
कर लिया जाएगा। इस बीच एएसआई ने मंदिर के नाटा मंडप में मचान लगवाना शुरू कर दिया।

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