केंद्र ने राज्यों से कहा, बच्चों को खसरा और रूबेला के टीके की एक अतिरिक्त खुराक देने पर

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Health-Measles-Vaccine : Center asks states to consider giving an  additional dose of measles and rubella vaccine to children| city News in  Hindi | Health-Measles-Vaccine : केंद्र ने राज्यों से कहा, बच्चों को

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता ) 

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नई दिल्ली, 24 नवंबर खसरे के मामलों में वृद्धि के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों
और केंद्र-शासित प्रदेशों से संवेदनशील इलाकों में रह रहे नौ माह से पांच साल तक के सभी बच्चों
को खसरा और रूबेला के टीकों की अतिरिक्त खुराक देने पर विचार करने को कहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल और महाराष्ट्र के कुछ जिलों से
खसरे के कई मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और कुछ अन्य जिलों के तहत आने वाले इलाकों
में संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है और खसरे के वायरस से करीब 10 बच्चों की मौत
हुई है।
महाराष्ट्र के प्रधान स्वास्थ्य सचिव को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण के मामलों
में यह वृद्धि जन स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत चिंताजनक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव पी अशोक बाबू ने कहा, ‘‘यह भी स्पष्ट है कि ऐसे सभी
भौगोलिक क्षेत्रों में प्रभावित बच्चों को मुख्यत: टीका नहीं लगा होता है और पात्र लाभार्थियों के बीच
खसरा तथा रूबेला के टीके (एमआरसीवी) लगाए जाने का औसत भी राष्ट्रीय औसत से कम होता है।’’
उन्होंने कहा कि इस संबंध में नीति आयोग के एक सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता में विशेषज्ञों के
साथ बुधवार को एक बैठक की गई।
बैठक से मिली जानकारियों के आधार पर केंद्र ने कहा कि राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को
संवेदनशील इलाकों में नौ माह से पांच साल के सभी बच्चों को टीके की अतिरिक्त खुराक देने पर
विचार करने की सलाह दी जाती है।

सरकार ने कहा, ‘‘यह खुराक नौ से 12 महीने के बीच दी जाने वाली पहली खुराक और 16 से 24
माह के बीच दी जाने वाली दूसरी खुराक के अतिरिक्त होगी।’’
राज्य सरकार और केंद्र-शासित प्रदेशों का प्रशासन संवेदनशील इलाकों की पहचान करेगा।
एक अधिकारी ने बताया कि उन इलाकों में छह माह से नौ माह तक की आयु के सभी बच्चों को
एमआरसीवी टीके की एक खुराक दी जानी चाहिए, जहां नौ महीने से कम आयु के शिशुओं में खसरे
के मामले कुल मामलों के 10 प्रतिशत से अधिक हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि यह बीमारी उन बच्चों में जानलेवा होती है, जो
मध्यम और गंभीर रूप से कुपोषित हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण की पुष्टि होने पर मामले की पहचान होने के कम से कम
सात दिनों बाद तक मरीज को पृथक रखना आवश्यक है।
केंद्र ने रांची (झारखंड), अहमदाबाद (गुजरात) और मलप्पुरम (केरल) में बच्चों में खसरे के मामलों
की संख्या में वृद्धि का आकलन और प्रबंधन करने के लिए उच्चस्तरीय दलों को तैनात भी किया है।

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