असम के मुख्यमंत्री ने राहुल का हुलिया सद्दाम हुसैन जैसा बताया, कांग्रेस ने किया पलटवार

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राहुल गांधी अब सद्दाम हुसैन की तरह दिखते हैं: असम सीएम | Rahul Gandhi looks  like Saddam Hussein now: Assam CM

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )

अहमदाबाद, 23 नवंबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस
नेता राहुल गांधी इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन जैसे दिखते हैं और बेहतर होता यदि वह
अपना हुलिया सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू या महात्मा गांधी जैसा बनाते।
शर्मा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि किसी को भी बोलने में
भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।
राहुल गांधी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बढ़ी हुई दाढ़ी में दिख रहे हैं।

शर्मा ने मंगलवार को अहमदाबाद में एक जनसभा में कहा, ‘‘मैंने हाल में देखा कि उनका (राहुल का)
हुलिया बदल गया है। मैंने कुछ दिन पहले एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि उनके नये रूप में
कुछ गलत नहीं है। लेकिन यदि आपको रूप बदलना है तो कम से कम इसे सरदार वल्लभभाई पटेल
या जवाहरलाल नेहरू जैसा बनाइए। बेहतर होता कि उनका हुलिया गांधीजी जैसा दिखता। लेकिन आप
अपना चेहरा सद्दाम हुसैन जैसा क्यों बना रहे हैं?’’
उन्होंने दावा किया कि यही वजह है कि कांग्रेस की संस्कृति भारतीय जनता से मेल नहीं खाती। शर्मा
ने कहा कि उनकी संस्कृति उन लोगों के करीब है जिन्होंने कभी भारत को समझा नहीं है।
शर्मा ने दावा किया कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हिमाचल प्रदेश और गुजरात का
दौरा नहीं किया जहां चुनाव हुए हैं या हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इन राज्यों के बजाय
वहां ध्यान दे रहे हैं जहां चुनाव नहीं हैं क्योंकि उन्हें पता है कि वह जहां जाएंगे, हारेंगे।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर को
महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ देखा।
उन्होंने दावा किया, ‘‘उन्होंने गुजरात को पानी से वंचित रखने की साजिश की थी। अगर वह सफल
हो जातीं तो नर्मदा जल कभी कच्छ नहीं पहुंचता। राहुल गांधी ऐसे लोगों के साथ भारत जोड़ो यात्रा
कर रहे हैं जो कभी गुजरात का विकास नहीं चाहते थे।’’
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं अपनी प्रतिक्रिया से उस
आक्षेप को महिमामंडित नहीं करना चाहता। मेरा मानना है कि हम सार्वजनिक रूप से भाषा की
मर्यादा बनाकर रखें, यह बहुत महत्वपूर्ण है। असम के मुख्यमंत्री जब इस तरह के बयान देते हैं तो
दुर्भाग्य से पैटी ट्रोल जैसे लगते हैं।’’

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