भारत की ऊर्जा रणनीति में प्रतिबद्धताओं का संतुलन रखा जाता है: पुरी

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भारत की ऊर्जा रणनीति में प्रतिबद्धताओं का संतुलन रखा जाता है: पुरी -  uttamhindu.com

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)

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नई दिल्ली. 12 अक्टूबर केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने
बुधवार को कहा कि भारत की ऊर्जा रणनीति में साझा वैश्विक हितों और हरित संक्रमण के प्रति

प्रतिबद्धताओं, सभी के लिए ऊर्जा की उपलब्धता, मुनासिब दाम और देश की ऊर्जा सुरक्षा पर उचित
ध्यान रखा जाता है।
पुरी ने अमेरिका में पेट्रोलियम उद्योग के गढ़ ह्यूस्टन में ‘भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में
अवसर’ पर एक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगले दो दशकों में
वैश्विक ऊर्जा मांग में वृद्धि का 25 प्रतिशत भारत से आने वाला है। उन्होंने कहा कि भारत ने कम
कार्बन उत्सर्जन के साथ विकास की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें हाइड्रोजन और जैव ईंधन
जैसे उभरते ईंधन शामिल हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान चुनौतीपूर्ण ऊर्जा वातावरण के बावजूद, ऊर्जा संक्रमण और
इसके जलवायु शमन लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता कम नहीं होने वाली है। मंत्री ने कहा कि
भारत देश में खनिज ईंधन की खोज और निकासी के लिए नो-गो (वर्जित) क्षेत्रों को 99 प्रतिशत तक
कमी करके लगभग 10 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में खोज और उत्पादन को युक्तिसंगत बनाने
और प्रोत्साहित करने के लिए बड़े सुधार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय डिपॉजिटरी रजिस्ट्री के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता वाला भूवैज्ञानिक
डेटा उपलब्ध हो सकेगा। पुरी ने एक के बाद एक कई ट्वीट के जरिए कहा कि जैव ईंधन, गैस
आधारित अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन, पेट्रोकेमिकल्स और अपस्ट्रीम क्षेत्रों के क्षेत्रों में दोनों देशों के
बीच अपार संभावनाएं स्पष्ट हैं और इसे निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से आगे बढ़ाया जा रहा
है।
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार के सुधार उपायों के कारण, वैश्विक तेल कंपनियों द्वारा भारतीय ईएंडपी
में अभूतपूर्व रुचि दिख रही है।” पेट्रोलियम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि अन्वेषण और
उत्पादन क्षेत्र के लिए भारत सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता का संकेत देते हुए पुरी ने दुनिया की तेल
और गैस राजधानी (ह्यूस्टन) में विशेष कोल-बेड मीथेन (सीबीएम) और अपतटीय क्षेत्र में तेल खोज
और निकासी के लिए नीलामी के दौर का शुभारंभ करने की घोषणा की। इसके तहत 2.3 वर्ग किमी
से अधिक क्षेत्र की पेशकश की गयी है।
इससे पहले सरकार ने 10 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक नो गो क्षेत्रों में नीलामी की प्रक्रिया शुरू
की गयी थी। पुरी ने वहां यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा आयोजित गोलमेज
सम्मेलन की अध्यक्षता की। गोलमेज सम्मेलन में ऊर्जा की बड़ी कंपनियों के वरिष्ठ नेतृत्व सहित
35 कंपनियों के 60 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में भारतीय ऊर्जा सार्वजनिक
उपक्रमों ने भी भाग लिया।

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