भारत में परिसर स्थापित करने के लिए सरकारी निर्देशों का इंतजार कर रहे विदेशी विश्वविद्यालय

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विदेशी विश्वविद्यालय भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देशों का इंतजार  कर रहे हैं: यूनिसा अधिकारी Hindi-khabar - हिंदी खबर |Latest news| breaking  ...

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर  विदेशी विश्वविद्यालय भारत सरकार द्वारा दिशा-निर्देशों को
अंतिम रूप दिए जाने का प्रतीक्षा कर रहे हैं, ताकि वे देश में अपने परिसरों की स्थापना कर सकें।
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय (यूएनआईएसए) के शीर्ष अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने
विदेशी विश्वविद्यालयों को देश में संचालन की अनुमति देने के भारत के फैसले को एक बड़ा कदम
करार दिया।
यूएनआईएसए में वैश्विक भर्ती एवं साझेदारी मामलों के निदेशक रिशेन शेखर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को
बताया, “ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के कई विश्वविद्यालय दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दिए जाने
की प्रतीक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “हम मलेशिया, सिंगापुर और चीन जैसे देशों में इसी तरह का
हाइब्रिड मॉडल उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन हमने भारत में नियम-कायदों के चलते अभी तक ऐसा
नहीं किया है।”
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में कहा गया है कि एक नए कानून के माध्यम से दुनिया के शीर्ष
100 विश्वविद्यालयों को देश में अपने परिसर संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। एनईपी-

2020 आजादी के बाद से भारत के शिक्षा ढांचे में किया गया तीसरा बड़ा सुधार है। इससे पहले की
दो शिक्षा नीतियां 1968 और 1986 में पेश की गई थीं।
यूएनआईएसए के मुख्य अकादमिक अधिकारी टॉम स्टीयर ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में भारत और
ऑस्ट्रेलिया के बीच साझेदारी अभी तक अनुसंधान और छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रम तक ही
सीमित थी। उन्होंने कहा, “एनईपी एक बेहद सकारात्मक नीति है, क्योंकि इससे न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय
विश्वविद्यालयों में अध्ययन के मौकों तक पहुंच बढ़ जाएगी, बल्कि यह अधिक प्रासंगिक भी हो
जाएगी।” शीर्ष अधिकारी उस दल का हिस्सा थे, जो ‘बैचलर ऑफ डिजिटल बिजनेस डिग्री’ पाठ्यक्रम
का प्रचार करने के लिए हाल ही में दिल्ली आया था।

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