



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में टूरिज्म हब का प्रस्ताव तैयार किया है। भारत सरकार पर्यटन
विभाग की तरह भारत मे मेडिकल चिकित्सा के क्षेत्र में जो सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पतालों की
स्थिति और कम खर्च में योग्य चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा सुविधाउपलब्ध कराने का प्रचार-प्रसार
61 देशों में करके भारत को मेडिकल हब के लिए सुनियोजित कार्य योजना तैयार की है। कोरोना के
बाद से दुनिया के अधिकांश देशों की चिकित्सा सुविधाएं गड़बड़ा गई हैं। इसमें विकसित और अति
विकासशील देश भी शामिल हैं। बहुत तेजी के साथ मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उस अनुपात में,
ना तो वहां पर चिकित्सक उपलब्ध हैं, और ना ही उनके पास अस्पताल है। उन देशों की चिकित्सा
का खर्च भारतीय चिकित्सा की तुलना में 8 से 10 गुना ज्यादा महंगा है। महीनों इंतजार करने के
बाद भी मरीजों को डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
श्रेष्ठतम अस्पताल और अनुभवी फिजीशियन, सर्जन, और अनुभवी डॉक्टर भारत में सेवाएं दे रहे हैं।
उनकी तुलना में विदेशों में 8 से 10 गुना ज्यादा खर्च करने के बाद भी वहां के मरीजों को समय पर
स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। भारत सरकार ने हाल ही में जो सर्वे किया है। उसके अनुसार
भारत से लगे हुए 61 देशों की चिकित्सा सुविधा बहुत महंगी है। उसकी तुलना में भारत के
अस्पतालों में काफी कम कीमत पर उनका इलाज संभव है। भारत के अच्छे अस्पतालों में विदेशी
मरीजों को भर्ती करने और उनके इलाज करने की क्षमता बनी हुई है। ऐसी स्थिति में सुनियोजित
रूप से विदेशों से आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों के ठहरने और मरीज के इलाजके लिए
अस्पतालों के बारे में बेहतर जानकारी, डॉक्टरों की विशेषज्ञता, उनके अनुभव इत्यादि का प्रचार प्रसार
किया जाता है। इस स्थिति में भारत को चिकित्सा व्यवसाय से विदेशी मुद्रा अर्जित होगी। वही
रोजगार और नौकरी के अवसर भी भारत में बढ़ेंगे।
भारत सरकार ने अभी 12 राज्यों के 17 शहरों के प्रमुख अस्पताल की सूची तैयार की है। इसके
अतिरिक्त भारत से लगे हुए कई ऐसे गरीब देश हैं। जहॉं पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा
रही है। ऐसी स्थिति में भारत में चिकित्सा हब को बेहतर तरीके से प्रचार प्रसार करने पर, हर साल
विदेशों से मरीज, भारत में इलाज चला सकते हैं। पिछले वर्षों में बड़ी संख्या में भारत में मेडिकल
कॉलेजऔऱ पैरामेडिकल कॉलेज खुले हैं। आसपास के देशों के लोग यहां पर आकर सस्ता इलाज करा
सकते हैं। भारत सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करके, ऐसी नीति बनानी होगी। जिससे विदेश
के मरीज भारत में आकर इलाज करा सकें। इससे भारत में विदेशी मुद्रा तो आएगी ही, इसके साथ-
साथ रोजगार और नौकरियों के अवसर भी बड़ी तेजी के साथ बढ़ेंगे।