



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
नई दिल्ली, 30 सितंबर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने टीसीए तथा
अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कुछ कंपनियों के वित्तीय परिणामों से संबंधित कथित गैर प्रकाशित एवं कीमतों
से संबंधित संवेदनशील जानकारी व्हॉट्सएप के जरिये सार्वजनिक करने के मामले में चार लोगों पर
लगे भेदिया कारोबार के आरोप खारिज कर दिए।
सेबी ने पांच अलग-अलग आदेशों में यह जानकारी दी। इसमें बताया गया कि व्हॉट्सएप लीक मामले
में शैलेंद्र मेहता, आदित्य ओमप्रकाश गग्गर, श्रुति विशाल वोरा और नीरज कुमार अग्रवाल नाम के
लोगों पर भेदिया कारोबार के आरोप लगे थे।
दरअसल प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने मार्च, 2021 में इन लोगों पर लगे आरोप रद्द कर दिए
थे और इस वर्ष 26 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने भी इस आदेश को बरकरार रखा था।
यह मामला पांच कंपनियों की कीमतों से संबंधित संवेदनशील एवं गैर-प्रकाशित जानकारी को विभिन्न
व्हॉट्सएप समूहों में भेजने का है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, अल्ट्राटेक सीमेंट, बाटा इंडिया, टाटा
केमिकल्स और माइंडट्री के वित्तीय परिणामों को शेयर बाजारों द्वारा आधिकारिक घोषणा से पहले ही
सार्वजनिक कर दिया गया था।
उपरोक्त चार लोगों पर भेदिया कारोबार गतिविधियों पर रोक लगाने वाले सेबी के नियमों का
उल्लंघन करने का आरोप लगा। हालांकि सेबी ने बृहस्पतिवार को पारित आदेश में चारों व्यक्तियों पर
लगे आरोप खारिज कर दिए हैं।