भारत, नेपाल 'राष्ट्र-विरोधियों' द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों के दुरुपयोग को रोकने पर सहमत हुए

Advertisement

1950 की भारत-नेपाल संधि की विसंगतियाँ - BBC News हिंदी

विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )

Advertisement

काठमांडू, 30 सितंबर भारत और नेपाल ‘‘राष्ट्र-विरोधियों’’ द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों के
दुरुपयोग को रोकने के लिए सहमत हुए हैं। दोनों देशों के अर्धसैनिक अधिकारियों ने भारत-नेपाल
सीमा के जरिये तीसरे देश के नागरिकों के अवैध रूप से सीमा पार करने की घटनाओं को रोकने के
वास्ते उपायों पर चर्चा की है।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक सुजय लाल थाओसेन और नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल
(एपीएफ) के महानिरीक्षक राजू आर्य के बीच बृहस्पतिवार को यहां संयुक्त समन्वय बैठक हुई। बैठक
में सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए तंत्र को सुव्यवस्थित करने के उपायों पर चर्चा की गई।
एसएसबी ने एक बयान में कहा कि दोनों बलों के प्रमुख अवैध रूप से सीमा पार करने से तीसरे राष्ट्र
के नागरिकों को रोकने के वास्ते तंत्र विकसित करने पर सहमत हुए।
बयान में कहा गया है, ‘‘यह भी निर्णय लिया गया कि सीमा बल वर्तमान चुनौतियों के मद्देनजर
उपयोग किए जाने वाले तरीकों में सुधार करना जारी रखेंगे। वे राष्ट्र-विरोधियों द्वारा अपने-अपने
क्षेत्रों के दुरुपयोग को रोकने के लिए पारस्परिक रूप से सहमत हुए।’’

‘माईरिपब्लिका’ अखबार ने बैठक में भाग लेने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से अपनी खबर में
बताया कि भारतीय पक्ष ने अवैध गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तानी और चीनी नागरिकों के नेपाल के
सीमा क्षेत्रों से भारत में प्रवेश को रोकने का अनुरोध किया।
डीजी थाओसेन के नेतृत्व में एसएसबी प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री बाल कृष्ण खंड से भी मुलाकात की
और भारत और नेपाल के दो सीमा बलों के बीच दोस्ती और सहयोग को मजबूत करने के वास्ते
एसएसबी की प्रतिबद्धता को दोहराया।

Leave a Comment