



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)
नई दिल्ली, 14 सितंबर बिजली सब्सिडी के लिए आवेदन करने की अनिवार्यता का
भाजपा ने विरोध किया है। भाजपा का कहना है कि मुफ्त बिजली का वादा करके सत्ता में आने वाली
आम आदमी पार्टी (आप) अब सब्सिडी समाप्त करने का रास्ता तलाश रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा
कि आप सरकार का यह यू टर्न है। आप ने शराब घोटाला कर दिल्ली का खजाना खाली कर दिया है।
यही कारण है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली सब्सिडी वापस लेकर इसे वैकल्पिक बना
दिया है।
सरकार सब्सिडी बंद करने का रास्ता तलाश रही: रामवीर सिंह बिधूड़ी
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि आप सरकार ने दिल्लीवासियों
को भिखारी बना दिया गया है। सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों की सब्सिडी बंद करने के रास्ते तलाश
कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लगभग 58 लाख बिजली उपभोक्ताओं फार्म भरने के लिए
कहा है। पहले ही दिन से इंटरनेट मीडिया पर लोगों की फार्म नहीं मिलने की शिकायत आने लगी।
फार्म मिलने के बाद उसे भरने और जमा कराने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
अगर आप सरकार की नीयत साफ होती तो वह सिर्फ सब्सिडी छोड़ने वालों से फार्म भरवाती। उन्होंने
कहा कि अगर किसी को सब्सिडी मिलती भी है तो ज्यादा से ज्यादा 800 रुपये प्रति माह। इससे
ज्यादा दूसरे तरीके से उपभोक्ताओं से पैसे वसूले जा रहे हैं। दिल्ली में स्थायी शुल्क के नाम पर
घरेलू उपभोक्ता से 125 रुपये प्रति किलोवाट और व्यवसायिक उपभोक्ता से 270 रुपये प्रति
किलोवाट प्रति माह वसूला जा रहा है।
देश में सबसे ज्यादा बिल वसूला जा रहा
घरेलू उपभोक्ताओं को औसतन आठ रुपये प्रति यूनिट और व्यवसायिक उपभोक्ताओं को 13 से 18
रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल देना पड़ता है। यह देश में सबसे ज्यादा है।
उपभोक्ताओं के हित में सरकार को स्थायी शुल्क समाप्त करना चाहिए। बिजली कर्मचारियों की पेंशन
व उन्हें मिलने वाली प्रति माह सात सौ यूनिट मुफ्त बिजली का खर्च भी उपभोक्ताओं से वसूला जा
रहा है।