



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)
कुशीनगर, 14 सितंबर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बरसात के मौसम में तेज
बुखार और झटका आने के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल के पीआईसीयू में बुधवार
को तेज बुखारए झटकाए खून की कमी से संबंधित रोगों के 18 बच्चे भर्ती कराए गए थे। बीमार
बच्चों को भर्ती कराने कराने का सिलसिला जारी रहा।
पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) में बुधवार को जो बच्चे भर्ती कराए गए थे। उनमें
अशमीना (9 वर्ष निवासी सोनवल), राज (5 वर्ष निवासी बेलवा पलकधारी), समर (5 वर्ष निवासी
कुबेरस्थान), मधु (10 वर्ष निवासी नेबुआ नौरंगिया), ऋषि (2वर्ष निवासी दुमही) शामिल हैं। इसी
तरह अलीना (4 वर्ष निवासी तरयासुजान), आरुषि (12 वर्ष निवासी तरयासुजान), सविता (7 वर्ष
निवासी सिसवा मठिया), जियावती (6 वर्ष), अमन (5 वर्ष निवासी जखनिया) को भी भर्ती कराया
गया है। तरीखुन निशा (10 वर्ष निवासी बरवापट्टी, सत्यम 2 माह, निवासी नंदनछपरा, अजीत (6
वर्ष निवासी जंगल सिसवा, अनन्या (2 माह निवासी मेला नगरी), कृति (1वर्ष निवासी बंदरवा,
खामपार), बिहार, आसिम अली (2 वर्ष निवासी भिटवा), बिहार और रमजान (5 माह निवासी
बाजूपट्टी) को भी भर्ती कराया गया है। बाल रोग विशेषज्ञों की देखरेख में इन बच्चों का इलाज चल
रहा है।
पीडियाट्रिशियन डॉ. सतीश यादव ने बताया कि पीआईसीयू में ज्यादातर तेज बुखार और झटके आने
से पीड़ित मरीज भर्ती कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की बीमारियों से बच्चों को बचाने के
लिए परिवार के लोग सफाई पर विशेष ध्यान दें। बेवजह धूप में न निकलने दें। यदि धूप में जाना
भी पड़े तो सावधानी बरतें। सर्द.गर्म से बचें। बाहर का खाना जैसे फास्ट फूड आदि न खिलाएं।ध्यान
रखें कि बच्चे बीमार व्यक्ति के संपर्क में न आएं। बुखार आने पर शरीर को गीले कपड़े से पोछा करें।
सबसे जरूरी यह कि इंडिया मार्क टू हैंडपंपए ओवरहेड टैंक या आरओ का पानी ही पिलाएं। साधारण
हैंडपंप का पानी पिलाने से बचें। अगर विवशता हो तो पानी उबालने के बाद उसे ठंड करके पिलाएं।
उन्होंने भर्ती कराए गए ज्यादातर बच्चों के परिवारों के लोगों ने साधारण हैंडपंप का पानी ही सेवन
करना बताया।