



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)
भोपाल, 14 सितंबर मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया है।
राजधानी समेत कई जिलों में रातभर से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। भोपाल में सुबह से बारिश
का दौर जारी है। इंदौर में रात में करीब एक इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। अशोक नगर, नर्मदापुरम,
शिवपुरी, छिंदवाड़ा में भी बारिश का सिलसिला जारी है।
नर्मदापुरम के तवा डैम में पानी बढ़ गया है। जलस्तर बनाए रखने के लिए 3 गेट खोलकर 16 हजार
70 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे पहले मंगलवार को 11 गेट खोले गए थे। पिछले 40 घंटे
से तवा के गेट खुले हुए हैं। इस सीजन में तवा डैम के 32 बार गेट खुल चुके हैं। 15 जुलाई को
पहली बार गेट खुले थे। वहीं सभी13 गेट 18 जुलाई, 15-16 अगस्त और 23 अगस्त को खुले। डैम
की जलभराव क्षमता 1166 फीट है। इस बार सितंबर की 8 तारीख को ही डैम 100 फीसदी से
ज्यादा भरा गया। जिस कारण सितंबर माह में मंगलवार को डैम के 11 गेट खोले गए। पिछले साल
15 सितंबर को पहली बार गेट खुले थे। जबकि इस बार 15 जुलाई को गेट खुले। 60 दिनों में 32
बार गेट खोले गए हैं।
उज्जैन में घाट किनारे के मंदिर डूबे
उज्जैन में पिछले 24 घंटों में करीब एक इंच पानी गिरा। तेज बारिश की वजह से शिप्रा नदी का
जलस्तर बढ़ गया है। रामघाट स्थित मंदिर आधे से ज्यादा डूब गए हैं। यहां बने छोटे पुल के ऊपर
से पानी बह रहा है। रायसेन में भी मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां
रातभर से कभी धीमी तो कभी तेज बारिश हो रही है।
जबलपुर में बरगी डैम के 11 गेट खुले
जबलपुर में बरगी डैम के 11 गेट खुले हुए हैं। लगातार पानी की आवक से नर्मदा नदी का जलस्तर
तेजी से बढ़ रहा है। नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर 12 घंटे में नर्मदा नदी का जलस्तर 8 फीट बढ़ा
है। बरगी बांध के ईई एके सूरे ने बताया, बरगी बांध अपनी क्षमता से अधिक 422.95 मीटर तक भर
गया है। अभी 2094 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। दोपहर 12 बजे जल निकासी को बढ़ाकर 3083
क्यूसेक किया जाएगा। बांध के 13 गेट 1.53 मीटर ऊंचाई तक खुले रहेंगे। घाटों पर भी 6 से 8 फीट
तक पानी बढ़ा है।
छिंदवाड़ा में 15 गांवों का शहर से संपर्क कटा
छिंदवाड़ा में भी रातभर से रुक-रुक कर कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश हो रही है। मंगलवार को
तेज बारिश के बाद सौंसर और बहुआ ब्लॉक की सीमा से लगे 15 गांव नाले के उफान पर आने से
शहर से कट गए। दोपहर में देवी और बड़ोस के बीच उफनाए नाले को पार करते समय बाइक सवार
बह गया। किनारे खड़े ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला। पिपल से कोपरावाड़ी मार्ग पर जाम नदी के
रपटे पर पानी आ गया। जिले में अभी तक 1452.1 मिमी (57 इंच) औसत वर्षा दर्ज की गई है,
जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 863 मिमी (34 इंच) औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
प्रदेश में बनेंगे दो सिस्टम
मौसम विभाग के अनुसार इस महीने बारिश के लिए प्रदेश में दो सिस्टम बने, हालांकि ज्यादा बारिश
नहीं होने से जुलाई और अगस्त की तुलना में 15% बारिश भी नहीं हो सकी। जिसके चलते मौसम
विभाग ने इस महीने ज्यादा बारिश नहीं होने की उम्मीद जताई थी। हालांकि अभी दो और सिस्टम
बनने की उम्मीद है। जिसमें से एक 17 सितंबर तक बनने की संभावना है। हालांकि उससे भी बहुत
ज्यादा पानी गिरने की संभावना नहीं है।
दो सिस्टम में से एक ने ही हल्की बारिश कराई
मध्यप्रदेश में 1 सितंबर से लेकर 13 सितंबर तक दो सिस्टम बने। पहला सिस्टम 8 सितंबर को
बना, लेकिन इससे कुछ खास बारिश नहीं हुई। दूसरा सिस्टम 12 सितंबर से बना। इससे अब तक
सबसे ज्यादा बारिश खंडवा में 4 इंच तक हुई है। इसके अलावा प्रदेश भर में रिमझिम बारिश हुई है।
मौसम विभाग ने इस दौरान जबलपुर, भोपाल, इंदौर समेत आधे एमपी के इलाकों में भारी बारिश की
संभावना व्यक्त की थी, लेकिन अनुमान सटीक नहीं बैठे। मौसम विभाग ने शुरुआती 7 दिन जहां-
जहां बारिश का अलर्ट जारी किया था, उनमें से एक-दो जगह को छोड़कर कहीं भी ज्यादा पानी नहीं
गिरा। जहां सिर्फ गरज-चमक की चेतावनी जारी की, वहां जमकर बारिश हुई।
नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा साढ़े 3 इंच पानी गिरा
24 घंटे यानी मंगलवार सुबह साढ़े 8 बजे से बुधवार सुबह साढ़े 8 बजे तक नर्मदापुरम में साढ़े 3
इंच, पचमढ़ी में 3 इंच, सागर, रायसेन, छिंदवाड़ा में 2.5-2.5 इंच, गुना, मंडला, नरसिंहपुर में 2-2
इंच, इंदौर, भोपाल, दमोह में 1.5-1.5 इंच, शिवपुरी, दतिया, रीवा, खरगोन, खंडवा और जबलपुर में
करीब 1-1 इंच, ग्वालियर, खरगोन, सतना, उज्जैन, बैतूल और सीधी में आधा-आधा इंच पानी गिरा
है। इसके अलावा धार और उमरिया भी भीगे हैं।
पाकिस्तान से आ रही हवाएं रोक रहीं बारिश
अभी दो सिस्टम से सवा 3 इंच बारिश हुई है। आने वाले समय में 17 सितंबर से एक और सिस्टम
बनने की उम्मीद है, लेकिन इससे भी बहुत ज्यादा पानी गिरने की उम्मीद नहीं है। इसके पीछे मुख्य
वजह पश्चिमी विक्षोभ (पाकिस्तान से आने वाली हवाएं) का सक्रिय होना है। हवाएं लगातार आ रही
हैं। इनके आने की वजह से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाएं कमजोर
होने लगती हैं। ऐसे में आगे ज्यादा बारिश की संभावना बहुत कम हो गई है।
जितना 11 दिन में उसका आधा 2 दिन में पानी गिरा
इस साल का सितंबर बीते 7 साल में बारिश के लिहाज से अब तक सबसे कमजोर रहा है। प्रदेश में
करीब सवा तीन इंच बारिश हुई है। इसमें बीते 48 घंटे में एक इंच पानी गिरा। आने वाले समय में
बहुत स्ट्रांग सिस्टम की संभावना अब तक नहीं है। ऐसे में एक मात्र उम्मीद 17 सितंबर से बनने
वाले सिस्टम से है। रिटायर्ड वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक जेडी मिश्रा ने बताया कि सितंबर में औसतन 10
दिन बारिश होती है। करीब 3 सिस्टम बनते हैं। अभी तक दो ही सिस्टम बने हैं। अब ज्यादा बारिश
होने की उम्मीद बहुत कम है। हल्की-फुल्की बारिश के साथ ही मानसून की विदाई होगी। दो दिन
बाद से देश भर में मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। इस कारण अब इससे बहुत ज्यादा बारिश
होने की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग ने बीते 13 दिन में 7 बार भारी बारिश का अलर्ट जारी किया, लेकिन अभी तक
ज्यादा बारिश नहीं हुई है। इसके लिए मौसम विभाग का तर्क है कि बारिश के लिए हवाओं की गति,
ट्रफ लाइन समेत स्थानीय परिस्थितियों का अनुकूल होना जरूरी है। इसलिए कई बार अनुमान उतने
सटीक नहीं हो पाते हैं, जितनी संभावना होती है। मौसम विभाग जिलों और संभाग के लिए अलर्ट
जारी करता है। इसमें कहा जाता है कि इन-इन संभागों और जिलों में कहीं-कहीं ऐसा हो सकता है।
जैसे भोपाल जिले के लिए जो अलर्ट जारी किया, यह बारिश शहर से लेकर कोलार, बैरागढ़ और
बैरसिया में कहीं भी हो सकती है।