



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता)
मास्को, 14 सितंबर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के व्लादिमीर पुतिन इस
सप्ताह के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी बैठक में
यूक्रेन में युद्ध और अन्य ‘अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय विषयों’ पर चर्चा करेंगे। क्रेमलिन ने यह जानकारी
दी। क्रेमलिन की विदेश नीति के प्रवक्ता यूरी उशाकोव ने कहा कि श्री पुतिन पाकिस्तान, तुर्की और
ईरान सहित अन्य नेताओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे लेकिन चीन के नेता के
साथ उनकी मुलाकात ‘विशेष महत्व’ की है।
क्रेमलिन ने कहा कि सर्वश्री पुतिन और जिनपिंग उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)
शिखर सम्मेलन में मिलेंगे जो पश्चिमी दुनिया को ‘विकल्प’ दिखाएगा। महामारी की शुरुआत के बाद
से श्री जिनपिंग अपनी पहली विदेश यात्रा कर रहे हैं। बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह एक
ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल की मांग कर रहे हैं, जबकि पश्चिम के साथ पुतिन के संबंध यूक्रेन को
लेकर चरम पर हैं। श्री जिनपिंग बुधवार को कजाकिस्तान में अपनी तीन दिवसीय यात्रा की शुरुआत
कर रहे हैं। इसके बाद वह गुरुवार को समरकंद में शिखर सम्मेलन में श्री पुतिन से मिलेंगे, जो 15
से 16 सितंबर तक चलेगा।
क्रेमलिन ने कहा कि शिखर सम्मेलन ‘बड़े पैमाने पर राजनीतिक परिवर्तनों की पृष्ठभूमि के खिलाफ’
हो रहा है। चीन और रूस ने लंबे समय से पश्चिमी बहुपक्षीय समूहों के विकल्प के रूप में, चार पूर्व-
सोवियत मध्य एशियाई देशों के साथ 2001 में स्थापित एससीओ की स्थिति की मांग की है। श्री
जिनंपिंग की यात्रा चीन में तालाबंदी के एक नए सेट के बीच होती है, जहां उनकी शून्य कोविड नीति
अभी भी लागू है जबकि बाकी दुनिया खुल गई है व वायरस के साथ जीना सीख रहे हैं।
श्री जिनपिंग ने वुहान में पहला पूर्णबंदी लागू होने से कुछ दिन पहले आखिरी बार जनवरी 2020 में
म्यांमार का दौरा करने के लिए चीन छोड़ा था। वह तब से चीन में ही रहे हैं। इस साल जुलाई में
केवल एक बार हांगकांग का दौरा करने के लिए मुख्य भूमि छोड़ा है। इस साल दोनों नेताओं की यह
दूसरी मुलाकात है-वे आखिरी बार फरवरी में बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक में मिले थे। फरवरी की
बैठक के बाद, दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि उनके देशों के बीच दोस्ती की
‘कोई सीमा नहीं है।’