



रवि (निगम संवाददाता )
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 64 वार्डों में विकास के रुके कार्यों को पूरा कराने के लिए फंड जारी करने के नाम पर निगम अधिकारी निगम की बदहाली का रोना रोते रहते हैं। वहीं पूर्वी निगम के अंतर्गत आने वाला शाहदरा दक्षिण बिल्डिंग विभाग मालामाल हो रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण पूर्वी दिल्ली में बनाए जा रहे अवैध निर्माणों में देखा जा सकता है , वैसे तो पूर्वी निगम अंतर्गत शाहदरा दझिण भवन विभाग द्वारा संपत्ति निर्माण करवाने के लिए निगम से नक्शा पास करवाना जरूरी है, परंतु बिल्डिंग विभाग और बिल्डिंग माफिया की सांठगांठ के चलते संपत्ति मालिक निगम में नक्शा पास कराने के पचड़े में पड़ने की वजाय बिल्डिंग विभाग द्वारा वार्ड में लगाए गए जेई को पैसे देना उचित समझते हैं। ऐसा ही मामला सामने आया शास्त्री पार्क वार्ड नंबर 25 ई में करीब 2 दर्जन से अधिक अवैध निर्माणों का कार्य बिल्डिंग विभाग और बिल्डिंग माफिया की मिलीभगत से धड़ल्ले से चल रहा है ! जिसमे सम्पत्ति संख्या – 9 /1108 , 9 /1106 डाकखाने वाली गली (थाना गांधीनगर के सामने) गांधीनगर में संपत्तियों का अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा संपत्ति संख्या
9/1998 गली नंबर 4 कैलाश नगर, संपत्ति संख्या – 1615 मैन रोड गाँधी नगर , संपत्ति संख्या- 9/2964 गली नंबर 1 धर्मपुरा , संपत्ति संख्या -9 /2955 गली नंबर 1 धर्मपुरा, संपत्ति संख्या- 9/3070 गली नंबर 3 धर्मपुरा , संपत्ति संख्या- 9/3203 गली नंबर 5 धर्मपुरा गांधी नगर में अवैध निर्माण किया जा रहा है। इन अवैध निर्माणों को बनाने में संपत्ति मालिकों ने वार्ड में कार्यरत जेई द्वारा निर्धारित 800 से 1000 रुपए प्रति गज लेंटर के हिसाब से जेई को लाखों रुपए दिया गया। जेई द्वारा अवैध निर्माणों से मिलीं मोटी रकम में से अपना हिस्सा रख बाकी की रकम में से तयनुसार हिस्सा बिल्डिंग विभाग में बैठे अधिकारियों की टेबल तक पहुंचाया गया जिसके बदले में जेई को अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होता है। वहीं इन अवैध निर्माणों को निगम में नक्शा पास करवाकर नियमनुसार बनवाया जाता तो निगम को अच्छे खासे राजस्व की प्राप्ति होती। हमारे समाचार पत्र द्वारा समय-समय पर अवैध निर्माणों के खिलाफ आवाज उठाई जाती है जल्द इन सभी अवैध निर्माणों की सूची उप राज्यपाल महोदय को सौंपी जाएगी