



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
भोपाल, 10 सितंबर। मध्य प्रदेश के 10 जिलों में 2,171 पशु लंपी त्वचा रोग से पीड़ित
हैं जिसके बाद प्रशासन ने इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित गांवों और जिलों में पशुओं
के आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां शुक्रवार को लंपी त्वचा रोग की प्रदेश में स्थिति की समीक्षा
करते हुए कहा कि इस बीमारी से पशुओं की मृत्यु ना हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी
आवश्यक कदम उठाए जाएँ।
उन्होंने कहा कि बीमारी से प्रभावित जिलों से सटे जिलों में अतिरिक्त सावधानी बरतने की
आवश्यकता है। साथ ही अन्य राज्यों से आ रहे पशुओं पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। लंपी बीमारी से
बचाव के लिए अधिक से अधिक पशुओं में आवश्यक टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। पशुपालकों
को मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराने के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी करें।
बैठक में एक अधिकारी ने बताया कि लंपी त्वचा रोग गौ वंशीय पशुओं में वायरस से होता है। यह
बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, बैतूल, इन्दौर और खण्डवा में इस रोग
की पुष्टि हुई है। धार, बुरहानपुर, झाबुआ में पशुओं में इस बीमारी के लक्षण दिखने की सूचना प्राप्त
हुई है।
अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के 10 जिलों में 2,171 पशु इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से
1,717 पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। अब तक 77,534 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका
है।
उन्होंने कहा, ‘‘लंपी त्वचा रोग को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित ग्रामों और जिलों में पशुओं के
आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है।’’
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, भोपाल में राज्य रोग अन्वेषण प्रयोगशाला में नियंत्रण कक्ष
स्थापित किया गया है।