



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
गुरुग्राम, 28 अगस्त गुजरात में 2002 में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और उनके
परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले में सजा काट रहे दोषियों की रिहाई का विरोध गुरुग्राम में भी शुरू हो गया
है। इस मुद्दे पर रविवार को लेजरवैली पार्क में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। उन्होंने रिहाई का विरोध करते हुए
सभी दोषियों को वापस जेल भेजने की मांग की। इस दौरान नारे भी लगाए।
डॉ सारिका वर्मा ने कहा कि प्रत्येक भारतीय महिला को न्याय मिलना चाहिए और एक सुरक्षित माहौल में जीने का
हमें हक है। हम ऐसा देश नहीं बन सकते, जहां महिलाओं पर अत्याचार इतने हल्के में लिए जाएं। ऐसे जघन्य
अपराध करने वाले अपराधी रिहा होने के लायक नहीं हैं। डॉ पारुल शर्मा ने कहा कि बलात्कारियों को वापस जेल में
भेजा जाए। बलात्कार पीड़ितों को मानसिक, शारीरिक और वित्तीय सहायता और पुनर्वास प्रदान होना चाहिए। ऊषा
सरोहा ने कहा कि बलात्कारियों के साथ इस तरह का व्यवहार समाज में एक संकेत भेजता है कि यदि आप एक
खास राजनीतिक दल या धर्म से हैं तो आप कोई भी अपराध कर सकते हैं और इससे बच सकते हैं। न्यायपालिका
और प्रधान मंत्री का यह कर्तव्य है कि वह सभी भारतीयों को विश्वास दिलाएं कि सरकार और न्यायपालिका
अपराधियों के साथ नहीं बल्कि नागरिकों के साथ खड़ी है।
इस दौरान शिल्पी सिंह, वीना पद्मनाभन, अनुराधा प्रसाद धवन, एडवोकेट निशांत वर्मा, समीरा सतीजा, सचिन
शर्मा, मनीष वर्मा, अंशु, निकित अरोड़ा, हरि सिंह चौहान, पारस जुनेजा, सचिन गर्ग, निखिल कालरा, पवन यादव,
धीरज राव, भारती देवी, रामवती ,सवनीत, हरि और कई अन्य नागरिक इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।